रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को राज्य के थर्मल पावर प्लांटों से हो रहे प्रदूषण व कर्मियों के स्वास्थ्य पर असर काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पूर्व में गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्यों को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया. उक्त निर्देश मामले के एमिकस क्यूरी के जवाब को देखते हुए दिया गया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 17 जनवरी की तिथि निर्धारित की.
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विशेषज्ञ समिति के सदस्य सशरीर उपस्थित हों
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को राज्य के थर्मल पावर प्लांटों से हो रहे प्रदूषण व कर्मियों के स्वास्थ्य पर असर काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पूर्व में गठित विशेषज्ञ […]
इससे पूर्व एमिकस क्यूरी अधिवक्ता अभय प्रकाश ने खंडपीठ को बताया कि कोर्ट के आदेश के आलोक में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था.
समिति ने सिर्फ एक पावर प्लांट से संबंधित रिपोर्ट साैंपी है, जबकि 27 थर्मल पावर प्लांटों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. समिति सही ढंग से काम नहीं कर पा रही है. स्थल निरीक्षण के समय कुछ सदस्य उपस्थित नहीं हो पाते हैं. इससे रिपोर्ट तैयार करने में समिति को समस्या आ रही है.
उल्लेखनीय है कि झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के थर्मल पावर प्लांटों से हो रहे प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. इस संबंध में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी.
इसके आलोक में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के हाइकोर्ट को मामले में संज्ञान लेते हुए थर्मल पावर प्लांटों के प्रदूषण की मॉनटिरिंग करने काे कहा था. झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में पूर्व में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया आैर प्लांटों से संबंधित रिपोर्ट देने को कहा गया.
समिति में झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता सुदर्शन श्रीवास्तव, अधिवक्ता अतानू बनर्जी, सिंफर धनबाद के निदेशक डॉ प्रदीप कुमार सिंह, आइआइटी आइएसएम धनबाद के डॉ मनीष कुमार जैन, सेंट्रल यूनिवर्सिटी अॉफ झारखंड रांची के मनोज कुमार को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.
रिश्वत मामले में कार्यपालक अभियंता को जमानत
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में शुक्रवार को रिश्वत मामले के आरोपी लघु सिंचाई प्रमंडल चाईबासा के कार्यपालक अभियंता की अोर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका स्वीकार कर ली.
साथ ही प्रार्थी मनोज कुमार विद्यार्थी को जमानत दे दी. इससे पूर्व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अोर से अधिवक्ता टीएन वर्मा ने जमानत का विरोध किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार विद्यार्थी ने जमानत याचिका दायर की थी. उनके खिलाफ एसीबी ने रिश्वत का मामला दर्ज किया है. उन्हें 20,000 रुपये रिश्वत लेने के आरोप में 20 जुलाई 2019 को गिरफ्तार किया गया था.
दो न्यायाधीश की खंडपीठ ने एमिकस क्यूरी के जवाब पर उक्त निर्देश दिया
मामले में 17 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
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