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शिक्षा कार्यालय में चल रहा लिपिक के ट्रांसफर व प्रतिनियुक्ति का खेल

रांची : राज्य के प्रमंडल व जिला शिक्षा कार्यालय के लिपिकों के स्थानांतरण-प्रतिनियुक्ति का खेल चल रहा है. विभागीय निर्देश है कि तीन साल से एक ही कार्यालय में जमे कर्मियों का स्थानांतरण किया जाये. ऐसा किया भी जाता है, लेकिन कुछ दिनों में ही कर्मी की फिर पहले वाली जगह पर ही प्रतिनियुक्ति कर […]

रांची : राज्य के प्रमंडल व जिला शिक्षा कार्यालय के लिपिकों के स्थानांतरण-प्रतिनियुक्ति का खेल चल रहा है. विभागीय निर्देश है कि तीन साल से एक ही कार्यालय में जमे कर्मियों का स्थानांतरण किया जाये. ऐसा किया भी जाता है, लेकिन कुछ दिनों में ही कर्मी की फिर पहले वाली जगह पर ही प्रतिनियुक्ति कर दी जाती है.

राज्य के सभी प्रमंडलों में ऐसा हो रहा है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को इस गड़बड़ी की सूचना मिली तो संज्ञान लेते हुए सभी क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक को दिशा-निर्देश जारी किया गया है.
विभाग ने सभी क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी लिपिक एक कार्यालय में तीन वर्ष से अधिक समय तक पदस्थापित नहीं रहे. सरकार के निर्देश के अनुरूप वर्ष में एक बार जून, जुलाई में स्थानांतरण किया जाना है. ऐसे में जून 2020 में स्थानांतरण किया जाये.
जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी विद्यालयों के लिपिकों का स्थानांतरण उक्त निर्देश के अनुरूप करने को कहा गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि किसी भी सरकारी स्कूल में लिपिक तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थापित नहीं रहें. इसकी निगरानी विशेष सचिव सह निदेशक माध्यमिक शिक्षा की अध्यक्षता में प्रमंडलीय नोडल पदाधिकारी के साथ की जायेगी.
विभाग को सभी प्रमंडलों में ऐसे ही स्थानांतरण व प्रतिनियुक्ति होने की सूचना मिली
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव आदित्य कुमार आनंद द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि संताल परगना प्रमंडल में लिपिकों के स्थानांतरण के बाद फिर से पहले पदस्थापित जगह पर नियम विरुद्ध प्रतिनियोजन करने का मामला विभाग के संज्ञान में अाया है.
ऐसे मामले राज्य के सभी प्रमंडलों में ऐसे ही स्थानांतरण व प्रतिनियुक्ति होने की सूचना विभाग को मिली है. इस कार्य में प्रमंडल के क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक की सहभागिता भी दिख रही है. ऐसे मामले गंभीर अनियमितता एवं प्रशासनिक विफलता का परिचायक हैं.
अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने पर करें विचार
विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि ऐसे लिपिक जो अन्य जगहों पर व्यक्तिगत कारणों से सेवा करने में असमर्थ है, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने पर विचार किया जाये. उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा पूर्व में भी तीन वर्ष से एक कार्यालय में कार्यरत लिपिकों के स्थानांतरण का निर्देश दिया गया था. इसके अलावा शिक्षकों का प्रतिनियोजन भी रद्द करने को कहा गया था. इस संबंध में सभी जिलों से रिपोर्ट भी मांगी गयी थी.

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