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खास बातचीत: बोले रामेश्वर उरांव- सोनिया गांधी की दूरदृष्टि और कुशल नेतृत्व के कारण झारखंड में कांग्रेस ने किया अच्छा प्रदर्शन
रांची : पूर्व आइपीएस अधिकारी रामेश्वर उरांव वीआरएस लेकर सक्रिय राजनीति में आये. एक दशक से ज्यादा राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बाद कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष श्री उरांव पहली बार राज्य में मंत्री बने़ 2019 का विधानसभा चुनाव कांग्रेसी खेमे के लिए उत्साहित करने वाला रहा़ राज्य गठन के बाद कांग्रेस का यह सबसे बेहतर […]
रांची : पूर्व आइपीएस अधिकारी रामेश्वर उरांव वीआरएस लेकर सक्रिय राजनीति में आये. एक दशक से ज्यादा राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बाद कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष श्री उरांव पहली बार राज्य में मंत्री बने़ 2019 का विधानसभा चुनाव कांग्रेसी खेमे के लिए उत्साहित करने वाला रहा़ राज्य गठन के बाद कांग्रेस का यह सबसे बेहतर प्रदर्शन है़ कांग्रेस पहली बार 16 सीटों के साथ बड़ी ताकत बनकर उभरी और झामुमो को सत्ता तक पहुंचाने की सीढ़ी बनी़ बतौर कांग्रेस अध्यक्ष श्री उरांव की राजनीतिक कद-काठी भी बढ़ी़ प्रभात खबर के ब्यूरो प्रमुख आनंद मोहन ने हेमंत सरकार के मंत्री श्री उरांव से सरकार के कामकाज, चुनौतियां व सांगठनिक पहलुओं पर बातचीत की़
Qआइपीएस अफसर और फिर राजनीतिक पारी़ झारखंड में पहली बार मंत्री पद की जिम्मेवारी मिली है़ कितना बड़ा दायित्व व चुनौतियां देख रहे है़ं
मैं नौकरी में भी रहा या फिर राजनीति की, मैंने ईमानदारी से अपनी भूमिका निभायी है़ हम बिहार के जमाने में आइपीएस रहे़ पहले आदिवासी थे, ऐसे भी बिहार में आदिवासी की कौन पैरवी करता़ लेकिन अपने काम की बदौलत पहचान बनायी़ उस जमाने में भी सरकार व शासन व्यवस्था ने महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी़ राजनीति में भी काम की वजह से केंद्रीय नेतृत्व ने भरोसा जताया़ पहली बार मंत्री बना हूं, तो दायित्व बोध तो है ही़ जनता की आशा-आकांक्षा पूरी करनी है़ व्यवस्था सुधारने में चुनौती तो रहती ही है़
Qआपके नेतृत्व में कांग्रेस ने बड़ी उपलब्धि हासिल की़ यह कैसे हुआ, संगठन तो आपका पस्त है़
यह सब कुछ सोनिया गांधी की दूरदृष्टि और कुशल नेतृत्व में हुआ है़ उन्होंने हमें पहले ही दिन से साफ कह दिया था कि चुनाव हम गठबंधन में लड़ेंगे़ यह हमारी रणनीति का हिस्सा था़ केंद्रीय नेतृत्व ने कहीं किसी को भ्रम में नहीं रखा था़ प्रदेश के नेता गठबंधन के तहत चुनाव का विरोध कर रहे थे़ मुझे विरोध सहना पड़ा़ ऐसे लोग पार्टी छोड़ कर भाग गये़ ये ऐसे लोग थे, जिनको संगठन नहीं अपनी चिंता थी़ इनको 81 जगहों पर चुनाव लड़ना था, अपने लोगों को लाना था़ पार्टी दूसरे किसी को टिकट देती, तो ये विरोध करते़ मैंने साफ कह दिया कि 2014 में हम अकेले लड़े थे, हश्र देख लिया था़ हम लोगों ने तय कर लिया था कि हेमंत सोरेन हमारे नेता होंगे, जेएमएम बड़ी पार्टी है, उसके साथ ही चुनाव लड़ना है़
Qकांग्रेस के विधायक छोड़ कर भागे, संगठन में अंतरविरोध रहा़ ऐसा नहीं लगता अाप लोगों के प्रयास से कहीं ज्यादा भाजपा सरकार के प्रति आक्रोश जीत का कारण नहीं बना़
मैंने शुरू दिन से कह रहा था कि यह चुनाव जनता लड़ रही है़ हमें एकजुट रहना है़ अलग-अलग लड़ने से वोट बिखरेगा, भाजपा को फायदा होगा़ गठबंधन का एक उम्मीदवार रहेगा़ जनता का आक्रोश नहीं, पिछली सरकार की विफलता मुख्य वजह कह सकते है़ं राज्य के लोग दु:खी थे़
गांव-देहात में हम देख रहे थे़ भाजपा सरकार केवल हवा-हवाई थी़ गांव में सड़क नहीं थी, चिकित्सा सेवा की स्थिति ठीक नहीं थी,शिक्षा बदतर स्थिति में पहुंच गयी थी़ पिछली सरकार का डिलिवरी सिस्टम ही फेल था़ किसानों का कर्ज माफ नहीं कर रहे थे, उनको दो-चार हजार पॉकेट खर्च दे रहे थे़ पिछली सरकार संस्थाओं को तोड़ने में लगी थी़ पंचायती राज व्यवस्था को ही तहस-नहस कर रही थी़ मुखिया, जिला परिषद सबको दु:खी किया़ ग्राम विकास समिति बना कर विकास काम कराने लगे़ इसे तत्काल भंग करने की जरूरत है़
Qहेमंत सोरेन सरकार का आंकड़ा 50 पार कर रहा है़ दूसरे दलों के लिए राजनीतिक मजबूरी है या सही में आपके साथ है़ं
देखिए बाबूलाल मरांडी अच्छे आदमी है़ं वह सैद्धांतिक रूप से हमलोगों के साथ है़ं मेरी उनसे हमेशा बात होती रही है़ यह लाचारगी नहीं है़ सैद्धांतिक रूप से हमारे साथ आये हैं और रहेंगे़
Qचुनाव के दौरान तो आपलोग बाबूलाल को भाजपा की बी टीम कह रहे थे़
ऐसा नहीं है़ मैंने कभी नहीं कहा़ कुछ कारणों से उनसे गठबंधन नहीं हो सका़ वह हमलोग के साथ शुरू से थे़
Qझाविमो ने समर्थन दिया, रिश्ते मधुर थे ही तो सरकार में क्यों नहीं शामिल किया़
गठबंधन की सरकार है़ इसमें चुनाव पूर्व गठबंधन को ध्यान में रखना होगा़ ऐसा नहीं है कि हम हाथ फैलाकर सबको गले लगा लेंगे़ एक राजनीतिक पक्ष भी होता है़ हमने चुनाव से पूर्व बाबूलाल मरांडी से तीन-चार बार मुलाकात कर साथ आने का आग्रह किया़
Qगठबंधन में तीन दल हैं, तीनों के अपने-अपने एजेंडे़ ऐसे में यह सरकार चलाना कितना चुनौती भरा होगा़
सबके घोषणा पत्र में लगभग एक तरह की ही चीजें है़ं कहीं कोई अंतर है, तो उसे भी शामिल किया जायेगा़ एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की जरूरत है़ इससे सरकार चलाने में सहूलियत होगी़
Qकोई समन्वय समिति भी बनाने पर विचार हो रहा है, क्या़
अभी तो इस पर चर्चा नहीं हुई है़
Qमंत्रिमंडल में कांग्रेस की कितनी हिस्सेदारी होगी़
पिछले सरकार में भी हम पांच थे़ इसबार भी पांच का दावा है़ पांच मंत्री तो होने ही चाहिए़ बाकी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निर्भर करता है़
Qस्पीकर पद को लेकर कांग्रेस दावेदारी करेगी या नही़ं
स्पीकर पद को लेकर मुख्यमंत्री को तय करने के लिए छोड़ दिया गया है़ झामुमो बड़ी पार्टी है़ झामुमो तय कर ले, अगर वो कहेंगे कि कांग्रेस स्पीकर दे, तो हम तैयार है़ं
Qकांग्रेस मंत्रिमंडल में अपने कोटे से नये चेहरे को लायेगी या नही़ं कैबिनेट में कैसे संतुलन बना रहे है़ं
यह सब कुछ केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है़ नये चेहरे को जरूर मौका मिलेगा़ क्षेत्रीयता, अनुभव, प्रतिनिधित्व सब कुछ देखा जायेगा़ कैबिनेट पूरी तरह संतुलित रहेगा़ गठबंधन के दल आपस में बैठक कर सहमति बनायेंगे़
Qझामुमो स्थानीय नीति को बदलने की बात कह रहा है़ सरकार की नीति को हाइकोर्ट की मुहर है़ कांग्रेस इस मुद्दे पर साथ है़
स्थानीय नीति में कई खामियां है़ं पिछली सरकार ने गलत नीतियां बनायी थी़ कांग्रेस बाहरी-भितरी की बात नहीं करती है, लेकिन नियोजन में स्थानीय लोगों को लाभ तो मिलना चाहिए़ पिछली सरकार की नियुक्तियों में बाहरी लोग अा गये थे़
Qसरकार कह रही है खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करेंगे़ ऐसे में तो स्थानीय नीति को पहले बदलना होगा़
रोजगार देना हमारी प्राथमिकता है़ नीति बदलते रहेगी़ सरकार जैसा चाहेगी, वैसी नियुक्ति प्रक्रिया होगी़ मैं इस बात को जानता हू़ं स्थानीय नीति में बदलाव अपनी जगह है, नियुक्ति होती रहेगी़ यहां के लोगों की भागीदारी कैसे बने, इस पर विचार कर ही नियुक्ति होगी़
Qआप चुनाव तो जीत गये, लेकिन कांग्रेस का संगठन कहीं नहीं है़ प्रदेश में कमेटी नहीं है़ यह सब कब तक होगा़
जब सरकार बना लिया, तो कमेटी कौन बड़ी बात है़ हां यह सही है कि संगठन को दुरुस्त करने की जरूरत है़ गुटबाज लोग निकल गये है़ं नाम नहीं लेना चाहता हू़ं मेरे आगे गुटबाजी नहीं चलेगी़ गुटबाजी करने वाले ऐसे लोगों को हम छोड़ेंगे भी नही़ं संगठन में नये लोगों को मौका दिया जायेगा़ एक्टिविस्ट को पार्टी में जगह मिलेगी़ ऐसे लोग जो काम करते हैं, उनको मौका दिया जायेगा़ कुछ लोग अपने पॉकेट के लोगों को पदाधिकारी बनाते है़ं यह सब नहीं चलेगा़ नेताओं को कांग्रेस ऑफिस में बैठने के लिए पदाधिकारी नहीं बनायेंगे. नेताओं को संगठन के लिए घुमना पड़ेगा़
Qआप मंत्री बन गये हैं, अध्यक्ष की जिम्मेवारी साथ निभायेंगे या पद छोड़ेंगे़
मैंने संगठन से कभी मांगा नहीं है़ मुझे जो जिम्मेवारी दी गयी है, उसे निभा रहा हू़ं संगठन ने मंत्री पद की जिम्मेवारी दी है़ अध्यक्ष पर फैसला लेना आलाकमान का काम है़ हमें दोनों जवाबदेही निभाने को कहा जायेगा, तो निभायेंगे़ राजस्थान में आलाकमान ने तो मौका दिया है़ निर्णय पार्टी को करना है़
सरकार पर क्या-क्या कहा
झामुमो बड़ी पार्टी है, स्पीकर पद पर पहले उसकी दावेदारी है
सरकार में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की जरूरत है
कांग्रेस बाहरी-भीतरी की राजनीति नहीं करती, लेकिन स्थानीय नीति में बदलाव होगा
कैबिनेट संतुलित होगा, गठबंधन के दल बैठ कर लेंगे फैसला
पहले दिन से ही साफ हो चुका था कि हमें गठबंधन में चुनाव लड़ना है
पिछली सरकार ने तो पंचायती व्यवस्था को ही तहस-नहस किया
पिछली सरकार किसानों का कर्ज माफ करने की जगह, उनको पाॅकेट खर्च दे रही थी
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