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रांची : 12वीं में संस्कृत की ऋतिका भाग-दो की पुस्तक चलेगी
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने लिया निर्णय रांची : राज्य के प्लस-टू हाइस्कूलों की 12वीं कक्षा के सत्र 2019-20 के विद्यार्थी ऋतिका भाग-दो पुस्तक से संस्कृत विषय की पढ़ाई जारी रखेंगे. जिन विद्यार्थियों को नयी पुस्तक दी गयी है, उनसे झारखंड शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (जेसीइआरटी) पुस्तक वापस मंगायेगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा संस्कृत […]
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने लिया निर्णय
रांची : राज्य के प्लस-टू हाइस्कूलों की 12वीं कक्षा के सत्र 2019-20 के विद्यार्थी ऋतिका भाग-दो पुस्तक से संस्कृत विषय की पढ़ाई जारी रखेंगे.
जिन विद्यार्थियों को नयी पुस्तक दी गयी है, उनसे झारखंड शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (जेसीइआरटी) पुस्तक वापस मंगायेगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा संस्कृत विषय की पुस्तक बदलने के मामले में गठित सात सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. रिपोर्ट मिलने के बाद जैक अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. कहा गया कि शैक्षणिक सत्र के बीच में पुस्तक में बदलाव करना सही नहीं होगा.
विद्यार्थियों को कठिनाई हो जायेगी. पूर्व से ऋतिका भाग-दो से संस्कृत पढ़ाया जा रहा है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग से उसकी अनुशंसा करने का निर्णय लिया गया. बैठक में जैक ने जेसीइआरटी के प्रतिनिधि से कहा कि पुस्तक प्रकाशित करने के पूर्व एक बार सभी विषयों के शिक्षकों के साथ बैठक कर उस पर चर्चा की जानी चाहिए. कहा गया कि शिक्षकों को मालूम है कि सिलेबस क्या है और नयी पुस्तक में क्या-क्या होना चाहिए.
छपी हुई पुस्तकों की एक प्रति जैक को भी दी जाये. ऐसा करने से भविष्य में समस्या नहीं होगी. ज्ञात हो कि विभाग के प्रधान सचिव ने 14 अगस्त को जैक से संस्कृत विषय की पुस्तक के मामले में रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद जैक ने 16 अगस्त को सात सदस्यीय कमेटी गठित की थी.
यह है मामला : जेसीइआरटी ने एनसीइआरटी पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित कर स्कूलों में भेज दी थी. 12वीं की संस्कृत की किताब ऋतिका के बदले भास्वती भाग-दो कर दिया.
जेसीइआरटी ने 12वीं में भास्वती को कोर व शाश्वती को इलेक्टिव के तौर पर छपवा कर स्कूलों को भेज दिया. संस्कृत की पूर्व से चल रही पुस्तक ऋतिका भाग-दो से आधे पाठयक्रम की पढ़ाई हो चुकी थी. इससे छात्र व शिक्षकों के बीच असमंजस की स्थित पैदा हो गयी थी.
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