21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

PLFI सुप्रीमो के लेवी के पैसे इंजीनियर करता था निवेश, NIA ने दबोचा

रांची : टेरर फंडिंग मामले में पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के सहयोगी जितेंद्र कुमार को एनआइए ने गिरफ्तार कर लिया. बीटेक पास जितेंद्र लेवी वसूली में सहयोग करता था. साथ ही लेवी के पैसे को निवेश करता था. जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के सिंह मोड़ (हटिया) के प्रेम नगर स्थित रोड नंबर चार के शकुंतला कुंज […]

रांची : टेरर फंडिंग मामले में पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के सहयोगी जितेंद्र कुमार को एनआइए ने गिरफ्तार कर लिया. बीटेक पास जितेंद्र लेवी वसूली में सहयोग करता था. साथ ही लेवी के पैसे को निवेश करता था. जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के सिंह मोड़ (हटिया) के प्रेम नगर स्थित रोड नंबर चार के शकुंतला कुंज अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 105-ए से शुक्रवार देर रात उसे पकड़ा गया.
शनिवार की सुबह जितेंद्र को एनआइए की विशेष अदालत के न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत में पेश किया गया. वहां से जितेंद्र को तीन जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया. अब जितेंद्र को रिमांड पर लेकर एनआइए पूछताछ करेगी. बेड़ो में नोटबंदी के दौरान दिनेश गोप के 25 लाख रुपये पुलिस ने पकड़े थे.
इसी मामले की एनआइए जांच में कई खुलासे हुए. जितेंद्र की गिरफ्तारी भी इसी कड़ी का हिस्सा है. दिनेश से जुड़े पांच लोगों विनोद कुमार, यमुना प्रसाद, चंद्रशेखर कुमार, नंदकिशोर और मोहन कुमार को एनआइए पूर्व में ही गिरफ्तार कर चुकी है. मामले का मुख्य सरगना दिनेश गोप अब भी एनआइए की गिरफ्त से दूर है.
हाइप्रोफाइल परिवार से आता है जितेंद्र, पत्नी है डॉक्टर :
जितेंद्र बीटेक पास है. उसकी पत्नी डॉ नीलू बच्चों की डॉक्टर है. वह फिलहाल डाेरंडा के साउथपाड़ा में अपने मायके में रह रही है. इनका छह माह का एक बच्चा भी है. जितेंद्र के पिता लक्ष्मण राम पुरुलिया के निवासी हैं.
कुछ दिन पहले वे पत्नी के साथ बेटी दिव्या से मिलने छह माह की वीजा पर इंग्लैंड गये हुए हैं. छोटा भाई टिंकू उसी फ्लैट में रहता है, जहां से जितेंद्र को गिरफ्तार किया गया. फ्लैट में पहुंचने पर उसके एक रिश्तेदार ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जितेंद्र इस फ्लैट में कम ही रहता था.
तमाड़ में सोलर प्लांट लगाने के लिए हांगकांग की कंपनी से किया था एमओयू :
टिंकू ने बताया कि उनका भाई जितेंद्र कुमार ने कुछ दिनों पहले ही हांगकांग की एक कंपनी से तमाड़ में सोलर प्लांट लगाने के लिए एमओयू किया था. इसके लिए जमीन को लेकर भी एक व्यक्ति से बात हो गयी थी, लेकिन जमीन गड़बड़ निकली. इसलिए अभी प्लांट नहीं लगाया जा सका है.
छापेमारी में मिले थे महत्वपूर्ण दस्तावेज
टेरर फंडिंग की जांच कर रही एनआइए ने 21 फरवरी 2019 काे झारखंड के रांची, खूंटी, गुमला और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 10 ठिकाने पर छापेमारी की थी. रांची के डोरंडा और अरगोड़ा थाना क्षेत्र में दो ट्रांसपोर्टर के ठिकाने पर दबिश दी थी. छापेमारी के दौरान एजेंसी ने विभिन्न ठिकानों से 3.41 लाख रुपये, 40 मोबाइल, डिजिटल उपकरण व दस्तावेज जब्त किए थे.
पीएलएफआइ सुप्रीमो के कैडर के माध्यम से विभिन्न फर्म और अचल संपत्ति में भुगतान और निवेश से संबंधित कागजात भी एनअाइए को मिले थे. साथ ही कई फर्जी पहचान पत्र, बैंक खाते, फिक्सड डिपोजिट और शेल कंपनियों में निवेश से जुड़े दस्तावेज को एनआइए ने पकड़ा था.
तमाड़ में सोलर प्लांट के लिए हांगकांग की कंपनी से िकया था एमओयू
नोटबंदी के दौरान दिनेश गोप के 25 लाख रुपये पकड़ाये थे
नोटबंदी के दौरान पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप भी लेवी की ब्लैकमनी को व्हाइट करने के लिए गुमला जिले के कामडारा निवासी ठेकेदार यमुना प्रसाद के जरिये बेड़ो के पेट्रोल पंप संचालक चंद्रशेखर कुमार को 25 लाख रुपये भिजवाए थे.
इस पैसे को पंट्राेल पंप संचालक द्वारा बेड़ो के ही किसी बैंक में जमा कराना था, लेकिन गुप्त सूचना पर पुलिस ने पैसा बरामद कर लिया था. इस मामले में बेड़ो थाना में 10 नवंबर 2016 को कांड संख्या 67/2016 दर्ज किया था.
बाद में इस मामले को एनआइए को ट्रांसफर कर दिया गया था. एनआइए ने 19 जनवरी 2018 को आइपीसी की धारा 212, 213, 414 अौर 34 के तहत कांड संख्या 02/2018 दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें