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रांची : पाइप लाइन की मरम्मत में लापरवाही
क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही भरे जायेंगे ये गड्ढे रांची : राजधानी की सड़कों पर खुद संभल कर चलना होगा़ अपना ख्याल खुद नहीं रखते, तो रात-दिन कभी भी गड्ढे में समा सकते है़ं दरअसल, यहां की प्रमुख सड़कों के किनारे और बीचोबीच बड़े-बड़े गड्ढे खोद कर महीनों से यूं ही छोड़ दिये […]
क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही भरे जायेंगे ये गड्ढे
रांची : राजधानी की सड़कों पर खुद संभल कर चलना होगा़ अपना ख्याल खुद नहीं रखते, तो रात-दिन कभी भी गड्ढे में समा सकते है़ं दरअसल, यहां की प्रमुख सड़कों के किनारे और बीचोबीच बड़े-बड़े गड्ढे खोद कर महीनों से यूं ही छोड़ दिये गये हैं. गली-मुहल्ले की सड़कें पहले से बेहाल है, अब स्टेट हाइवे की सड़कों पर भी चलना दूभर हो गया है़
कांटाटोली चौक से बूटी मोड़ के बीच स्टेट हाइवे जगह-जगह पर गड्ढे खोद दिये गये हैं. ठेकेदार सड़क के किनारे मिट्टी का ढेर लगा कर चलता बना है. अब मौत का इंतजार हो रहा है, तब चेतेंगे़ इस सड़क पर छोटे-बड़े वाहनों का रात-दिन आवगमन है. गड्ढे के आसपास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं. रात में मिट्टी का ढेर व गड्ढा दिखे इसके लिए रेडियम लाइट तक की व्यवस्था नहीं हैं. इस सड़क पर आये दिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं.
पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़क के किनारे हो रहा है काम : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने पानी की पाइपलाइन में लीकेज की मरम्मत के लिए चड्ढा पेट्रोल पंप से लेकर जिमखाना क्लब के बीच पांच जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे खोदवाये थे. मरम्मत का काम पूरा होने के बाद ठेकेदार के लोग जैसे-तैसे इन गड्ढों में मिट्टी डालकर निकल गये. इधर, पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण इन गड्ढों में भरी गयी मिट्टी दब गयी, जिसके बाद ये गड्ढे और भी खतरनाक हो गये हैं.
लापरवाही का आलम देखिए कि कोकर चौक पर खोदे गये गड्ढे के अलावा कहीं भी बैरिकेडिंग नहीं की गयी है. चिंता की बात यह है कि इस स्टेट हाइवे पर रात के वक्त बड़ी संख्या में भारी मालवाहक वाहन और लंबी दूरी की यात्री बसें चलती हैं. इन गड्ढों के पास से गुजरने के दौरान वाहन चालक से अगर जरा सी भी चूक हुई, तो कोई बड़ा हादसा होना तय है. पेयजल विभाग ने जो किया सो किया, पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर भी इन गड्ढों की मरम्मत की जहमत नहीं उठा रहे हैं.
उड़ रहीं नियमों की धज्जियां
नियमानुसार किसी भी मरम्मत कार्य के लिए अगर कोई सड़क खोदी जाती है, तो उससे पहले संबंधित जगह पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने चाहिए. ठेकेदार को उस जगह की घेराबंदी करनी होती है. साथ ही कार्य स्थल के पहले लाल रंग का बड़ा निशान लगाना होता है, जो दूर से ही लोगों को नजर आना चाहिए.
इसके अलावा वहां कॉशन बोर्ड भी लगाया जाना चाहिए, जिस पर ‘धीरे जायें, काम चल रहा है’, ‘सावधानी बरतें’ जैसे संदेश लिखे होने चाहिए. मरम्मत का काम पूरा होने के बाद तुरंत बाद खोदी गयी सड़क को पहले जैसा बनाने का जिम्मा भी संबंधित विभाग और ठेकेदार का ही होता है, लेकिन राजधानी की सड़कों पर हो रहे मरम्मत कार्य के दौरान इन नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं.
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