रांची : अलकतरा घोटाले से जुड़े मामले आरसी 21/09 में ग्राम्य अभियंत्रण संगठन (आरइअो) सिमडेगा के तीन इंजीनियरों को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके पांडे की अदालत ने दोषी करार दिया. उन्हें सजा सुनाने के लिए 28 मई की तिथि निर्धारित की गयी है. जिन्हें दोषी करार दिया गया है उनमें उपेंद्र कुमार सिंह (असिस्टेंट […]
रांची : अलकतरा घोटाले से जुड़े मामले आरसी 21/09 में ग्राम्य अभियंत्रण संगठन (आरइअो) सिमडेगा के तीन इंजीनियरों को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके पांडे की अदालत ने दोषी करार दिया. उन्हें सजा सुनाने के लिए 28 मई की तिथि निर्धारित की गयी है. जिन्हें दोषी करार दिया गया है उनमें उपेंद्र कुमार सिंह (असिस्टेंट इंजीनियर), उमेश पासवान अौर राजबली राम (दोनों जूनियर इंजीनियर) शामिल हैं. अदालत में सुनवाई के दौरान तीनों अभियुक्त मौजूद थे.
अदालत ने सजा सुनाने के बाद इन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. इस मामले के एक अौर अभियुक्त पवन कुमार सिंह (निदेशक, क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड) का ट्रायल के दौरान ही मौत हो गयी थी. सीबीआइ के वरीय लोक अभियोजक राकेश प्रसाद ने बताया कि क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को सिमडेगा के कुरडेग-कुटमा-कछार रोड के निर्माण का कार्य मिला था. सड़क की लंबाई 16.09 किलोमीटर थी.
इसमें इंजीनियरों अौर कंपनी की मिलीभगत से 30 फर्जी चालान के जरिये 267 मीट्रिक टन अलकतरा का घोटाला किया गया था. यह घोटाला एक करोड़ 21 लाख 72 हजार रुपये का था. इसे वर्ष 2004-2006 की अवधि के दौरान अंजाम दिया गया था. हाइकोर्ट के आदेश के बाद आरइअो सिमडेगा से मामले में चार केस दर्ज किये गये थे. इनमें एक मामला आरसी 16/2009 में पूर्व में सजा हो चुकी है. इसके अलावा दो अन्य मामले आरसी 15/2009 अौर आरसी 17/2009 अभियुक्तों के बयान के लिए एक अन्य कोर्ट में लंबित है.
इस मामले में हाइकोर्ट के आदेश के बाद केस किया गया था. शनिवार को जिस मामले (आरसी 21/09) में अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया उसमें सीबीआइ की अोर से 17 अौर बचाव की अोर से दो गवाही करायी गयी थी.