- लोंगकाटा मुठभेड़ में पुलिस की गोली से घायल हुआ था एरिया कमांडर दीत नाग
- बंदगांव में झोला छाप डॉक्टर से करा रहा था इलाज
- उग्रवादी के इलाज में प्रयुक्त दवाइयां, एक बाइक व तीन मोबाइल जब्त
Advertisement
खूंटी : एरिया कमांडर के दो सहयोगी समेत डॉक्टर-कंपाउंडर गिरफ्तार
लोंगकाटा मुठभेड़ में पुलिस की गोली से घायल हुआ था एरिया कमांडर दीत नाग बंदगांव में झोला छाप डॉक्टर से करा रहा था इलाज उग्रवादी के इलाज में प्रयुक्त दवाइयां, एक बाइक व तीन मोबाइल जब्त खूंटी : 29 जनवरी को लोंगकाटा में पुलिस और पीएलएफआइ उग्रवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में मारे गये पांच […]
खूंटी : 29 जनवरी को लोंगकाटा में पुलिस और पीएलएफआइ उग्रवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में मारे गये पांच और घायलावस्था में गिरफ्तार दो उग्रवादियों के अलावा एक और उग्रवादी घायल हुआ था. पुलिस के अनुसार वह पीएलएफआइ का एरिया कमांडर दीत नाग है. उस पर इनाम घोषित है. एसपी आलोक के अनुसार मुठभेड़ में उसे भी पुलिस की गोली लगी है़
उन्होंने बताया कि गोली दीत नाग के पैर में लगी है और वह जख्मी है़ बंदगांव के एक झोला छाप डॉक्टर द्वारा उसका इलाज किया गया. जब पुलिस को इसकी सूचना मिली, तो पुलिस ने उस झोला छाप डॉक्टर दीपक कुमार झा को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उसका कंपाउंडर संदीप सिंह और उग्रवादी दीत नाग के दो सहयोगी किशुन हेमरोम और मनी हेमरोम को भी गिरफ्तार किया गया.
मंगलवार को एसपी आलोक ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि किशुुन हेमरोम और मनी हेमरोम ने ही घायल दीत नाग को छिपाया था और इलाज करने में सहयोग किया.
एसपी ने बताया कि झोला छाप डॉक्टर दीपक कुमार झा द्वारा घायल उग्रवादी के इलाज करने से पुलिस को कोई परेशानी नहीं है. लेकिन उसने इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी, इस कारण उसे गिरफ्तार किया गया. उसकी निशानदेही पर दीत नाग की खोज में पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया.
पुलिस ने डॉक्टर के पास से इलाज में प्रयुक्त दवाइयां और अन्य सामान सहित एक बाइक और तीन मोबाइल जब्त किया है. गिरफ्तार डॉक्टर और अन्य ने अपने बयान में स्वीकारा है कि उन्होंने मटलौंग में जाकर घायल दीत नाग का इलाज किया था. इस लाेगों को गिरफ्तार करने में मुरहू थाना प्रभारी उदय कुमार गुप्ता, अवर निरीक्षक मुन्ना कुमार सिंह और सशस्त्र बल शामिल हैं.
बच्चों को दस्ते में शामिल कर रहे उग्रवादी : एसपी : एसपी आलोक ने कहा कि मुठभेड़ में मारे गये नाबालिग उग्रवादियों की उम्र का सत्यापन किया जा रहा है. उनके परिजनों द्वारा प्रस्तुत किये दस्तावेज में कई त्रुटियां मिली हैं. उन्होंने कहा कि गैर कानूनी कार्य करनेवाले तथा उनकी सहायता करनेवालों पर कार्रवाई जरूर की जायेगी.
दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जायेगा. उन्होंने कहा कि उग्रवादियों द्वारा दस्ते में बच्चों को शामिल किया जा रहा है. पुलिस इसका सत्यापन करा रही है. उन्होंने कहा कि अगर नाबालिग उग्रवादी बन रहे हैं, तो इसके लिए उनके अभिभावक भी दोषी हैं. अगर कोई बच्चा लंबे समय से गायब है और पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी जाती है, तो इसके लिए अभिभावक दोषी हैं.
पहाड़ी की चोटी में आग जलता देख पता चला उग्रवादियों का ठिकाना
एसपी आलोक ने आज लोंगकाटा में हुए मुठभेड़ की कहानी का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि पुलिस को लोंगकाटा के पास जंगल में उग्रवादियों के होने की पुख्ता सूचना मिली थी. लेकिन वे कहां छिपे थे, इसकी जानकारी नहीं थी. पुलिस ने 28 जनवरी की देर रात अभियान शुरू किया था. उग्रवादियों के नहीं मिलने पर सुबह अभियान समाप्त करना था. अगले दिन सुबह होने तक पुलिस का सामना उग्रवादियों से नहीं हुआ था.
जिस पहाड़ी की चोटी में उग्रवादी छिपे थे, पुलिस वहां बिना चढ़े ही आगे निकलनेवाली थी. इस दौरान दूसरी पहाड़ी के ऊपर से कोबरा 209 के एक जवान को पहाड़ी की चोटी में आग जलती दिखी. उसने जवानों को वायरलेस से इसकी सूचना दी़ इसी सूचना के बाद पुलिस उस पहाड़ी पर ऊपर गयी और उनका सामना उग्रवादियों से हुआ.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement