ओरमांझी: व्यवसायी प्रदीप सर्राफ की मदद से ओरमांझी पुलिस ने बुधवार को हजारीबाग निवासी उमाशंकर को थाना क्षेत्र के कुच्चू के पास से गिरफ्तार कर लिया. उमाशंकर पर सेना में टेंडर दिलाने के नाम पर बड़ी कंपनियों से ठगी करने का आरोप है. उमाशंकर के अनुसार वह वर्ष 2000 में आर्मी से रिटायर हुआ था. इसके बाद से ही वह ठगी के धंधे में शामिल हो गया.
वर्ष 2008 में उसने सेना में कंप्यूटर सप्लाई करने के मामले में फरजीवाड़ा करते पकड़ा गया था और जेल गया था. वह सुप्रीम इंडस्ट्रीज प्रालि के मालिक प्रदीप सर्राफ से ठगी कर चुका था. बुधवार को वह गिरिडीह जा रहे थे. कुच्चू बाजारटांड़ के पास प्रदीप सर्राफ की नजर एक्सयूवी वाहन के नंबर प्लेट (डब्लूवी-06एल-0128) पर पड़ी. ओवरटेक कर उन्होंने देखा, तो गाड़ी में उमाशंकर दिखाई पड़ा.
इसके बाद उन्होंने एक्सयूवी के आगे अपनी कार लगा दी. उसके बाद गाड़ी की चाबी निकाल ली. इस बीच उमाशंकर और उसका चालक गुलाब चंद गाड़ी से बैग लेकर भागने लगे. इसी बीच गश्ती पर निकली ओरमांझी पुलिस और ग्रामीणों ने दोनों को पकड़ लिया. पुलिस ने वाहन को जब्त कर लिया है. एक्सयूवी वाहन के आगे रक्षा मंत्रलय और पीछे भारत सरकार लाल रंग से लिखा हुआ है. पुलिस ने उसके पास से सेना के मेजर का फरजी पहचान पत्र बरामद किया है, उसमें सूर्यनारायण चक्रवर्ती लिखा हुआ है. सर्विस नंबर की जगह पर आइसी-54421एम लिखा हुआ है.

