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अगले बजट में झारखंड जनजातीय आयोग का होगा गठन : CM रघुवर दास

रांची : संथाल परगना के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा. श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने संथाल भाषा को आठवीं अनुसूची में जोड़ने का कार्य किया था. शनिवार को इस वीर भूमि से हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आउटडोर स्टेडियम, दुमका में आयोजित प्रमंडल स्तरीय ग्राम प्रधान एवं परंपरागत […]

रांची : संथाल परगना के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा. श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने संथाल भाषा को आठवीं अनुसूची में जोड़ने का कार्य किया था. शनिवार को इस वीर भूमि से हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आउटडोर स्टेडियम, दुमका में आयोजित प्रमंडल स्तरीय ग्राम प्रधान एवं परंपरागत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में कही.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष के शासन में इस देश में अनेक शासक बने, लेकिन किसी ने आदिवासियों के समस्या के लिए कार्य नहीं किया बल्कि, सभी ने यहां की भोली-भाली जनता को गुमराह करने का कार्य किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे. तब उन्होंने आदिवासी समाज को समृद्धि की ओर ले जाने का कार्य किया था.

उन्‍होंने कहा कि आज भी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश की जनजातीय संस्कृति के विकास एवं सांस्कृतिक समृद्धि के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं. उनके मार्गदर्शन के अनुरूप झारखंड में भी आदिवासी समाज के विकास के लिए प्रतिबद्ध प्रयास किये जा रहे हैं. सदियों से हमारी संस्कृति को संजोए रखने वाला जनजातीय समाज-आजादी के लिए खून बहाने वाला आदिवासी समाज, अब विकास के लिए सजग हो रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगले बजट में जनजातीय समाज के लिए राज्य जनजातीय आयोग का गठन करेगी. इस आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और हर प्रमंडल से एक प्रतिनिधि रहेंगे. जनजातीय समाज में बदलाव विकास के कार्यों की मॉनिटरिंग इस आयोग द्वारा की जायेगी. नये साल में झारखंड के जनजातीय समाज को सरकार यह तोहफा देने जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को गर्व होना चाहिए कि हमने वीरों की धरती संथाल परगना और झारखंड में जन्म लिया है. हमारी संस्कृति 1000 सालों की संस्कृति और मानव सभ्यता की विरासत है. इसी धरती के वीर शहीद सिदो-कान्हू, बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, चांद-भैरव, फूलो-झानो ने अंग्रेजों को चुनौती देने का कार्य किया था, और देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. लेकिन आजादी के बाद की सरकारों ने आदिवासी समाज के विकास को अपेक्षित महत्व नहीं दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से आदिवासी के हित की बात की है. उन्होंने 25 करोड़ रुपये राज्य सरकार को दिया है. जिससे राज्य सरकार द्वारा बिरसा मुंडा जेल के सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है. इसमें झारखंड के वीरों की मूर्ति स्थापित की जायेगी. उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से अपील किया कि 9 जनवरी से हर गांव से मिट्टी पहुंचाने का कार्य करें ताकि 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की.

जयंती के अवसर शहीदों की प्रतिमा में उक्त मिट्टी लगायी जा सके. रघुवर दास ने कहा कि झारखंड के कई ऐसे शहीद हैं जिन्हें लोग नहीं जानते उन सभी शहीदों के प्रतिमा को स्थापित करने का कार्य सरकार करेगी. जिन्होंने इस देश के लिए अपना बलिदान दिया है लोग उन्हें भी याद करेंगे.

मुख्यमंत्री ने पारंपरिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशी शक्तियां हमारी संस्कृति, हमारी भाषा को नष्ट करने का कार्य कर रही है. देश की संस्कृति परंपरा को तोड़ने का कार्य अंग्रेजों ने शुरू किया था. इन दिनों धर्मांतरण का कार्य कर हमारी संस्कृति पर हमला किया जा रहा है. हमारी संस्कृति हमारी भाषा हमारी परंपरा ही हमारी पहचान है. लेकिन कुछ लोग इसे नष्ट करने में लगे हैं. सरकार ने धर्मांतरण को रोकने के लिए कठोर कानून बनाया है. अब इस भोली-भाली जनता को लोभ लालच देकर धर्मांतरण करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा.

उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान इस सदियों की परंपरा संस्कृति को बचाने का कार्य करें. अपनी संस्कृति को बचाना सरकार के साथ साथ आपकी भी जिम्मेवारी है. आप एक कदम चलें, मैं आपके साथ चार कदम चलने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी धर्मांतरण के घोर विरोधी थे. कुछ लोग, जनमा को गुमराह कर रहे हैं कि सरकार आदिवासियों की जमीन लूट लेगी. पिछले 4 वर्षों में सरकार ने किसी की भी जमीन नहीं ली है. केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार गरीब के जीवन में बदलाव लाना चाहती है. हम आदिवासी समाज को तेजी से विकास करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार मांझी थान, जाहेर थान पर ध्यान देगी मसना स्थल के सौंदर्यीकरण का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है. सरकार कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को क्षेत्रीय भाषा मे शिक्षा देगी हम सभी को अपनी भाषा पर गर्व होनी चाहिए हमें अपनी भाषा को बचाना है. सरकार ने पहली बार लुगूबुरु को राजकीय महोत्सव का दर्जा देने का कार्य किया है. उक्त स्थान के सौंदर्यीकरण का कार्य भी सरकार द्वारा किया जा रहा है. आने वाले समय में एक बेहतर पर्यटक स्थल के रूप में जाना जायेगा.

इस अवसर पर सूबे की समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने स्थानीय भाषा में परम्परागत प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले 67 साल से संथाल परगना के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे थे. लेकिन, वर्तमान सरकार ने उन्हें सम्मान देने का कार्य किया है. माननीय मुख्यमंत्री ने संथाल परगना के विकास को प्राथमिकता पर रखकर कार्य किया है. आज से पूर्व किसी ने आपका ध्यान नहीं रखा लेकिन, सरकार आपकी हर समस्याओं के समाधान के लिए कृत संकल्पित है. समाज से गरीबी को दूर करना ही मुख्यमंत्री का संकल्प है.

इस अवसर पर संथाल परगना प्रमंडल से आए ग्राम प्रधानों ने अपने अनुभव को भी साझा किया और सरकार द्वारा मानदेय दिये जाने वाले पहल को एक बहुप्रतीक्षित ऐतिहासिक कदम बताया.

दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार स्वागत संबोधन में कहा कि आज का दिन संथाल परगना के लिए ऐतिहासिक दिन है. जब संथाल परगना दिवस पर परम्परागत प्रतिनिधियों से राज्य के मुख्यमंत्री सीधे मिल रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने वैसे प्रधानों को जिन्होंने सरकार की विकास योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्हें साल ओढ़ाकर सम्मानित किया. मुख्यमंत्री को उपायुक्त मुकेश कुमार ने सखुआ का पौधा देकर स्वागत किया. मांदर बजाकर मुख्यमंत्री ने उपस्थित ग्राम प्रधानों का स्वागत किया. ग्राम प्रधानों ने स्थानीय वाद्य यंत्र मुख्यमंत्री को समर्पित किया.

Prabhat Khabar Digital Desk
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