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रांची : डीलरों के पास 2.5 लाख क्विंटल अनाज का स्टॉक

संजय रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग ने अक्तूबर माह में बंटने वाले अनाज का कोटा 2.5 लाख क्विंटल कम कर दिया है. विभागीय निर्देश के बाद राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीअाइ) से अक्तूबर में बंटने वाला 2.5 लाख क्विंटल अनाज कम खरीदा है. एफसीआइ से खाद्यान्न खरीद में की गयी यह […]

संजय
रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग ने अक्तूबर माह में बंटने वाले अनाज का कोटा 2.5 लाख क्विंटल कम कर दिया है. विभागीय निर्देश के बाद राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीअाइ) से अक्तूबर में बंटने वाला 2.5 लाख क्विंटल अनाज कम खरीदा है. एफसीआइ से खाद्यान्न खरीद में की गयी यह कमी डीलरों के पास बचे अनाज का समायोजन करने के लिए की गयी है. कई माह ऐसी कटौती होगी.
क्लोजिंग बैलेंस का हिसाब लेने पर पता चला: गौरतलब है कि सरकार जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के डीलरों को लाभुकों के बीच बांटने के लिए अनाज देती है. इधर, मार्च-अप्रैल 2018 तक के क्लोजिंग बैलेंस का हिसाब लेने पर पता चला कि डीलरों के पास करीब 2.5 लाख क्विंटल अनाज ऐसा है, जो बांटा नहीं गया और डीलरों के पास पड़ा हुआ है.
राज्य में सबसे ज्यादा अनाज रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो व गिरिडीह अनुभाजन क्षेत्र के डीलरों के पास बचा है. इतना ही नहीं हिसाब लेने पर यह भी पता चला कि 20 फीसदी पीडीएस डीलरों के पास अनाज का बड़ा स्टॉक है. इसके बाद विभाग ने 20 जुलाई को डीलरों के साथ एक बैठक कर स्पष्ट कर दिया था कि जब तक स्टॉक क्लियर नहीं किया जायेगा तब तक पीडीएस दुकानदारों को सरकार की ओर से किसी प्रकार का आवंटन नहीं मिलेगा, लेकिन उन्हें लाभुक को प्रतिमाह अनाज देना होगा.
बकाया अनाज के आधार पर डीलरों को तीन श्रेणियों में बांटा गया. पहली श्रेणी में वे डीलर हैं, जिनके पास एक माह का अनाज बचा है. दूसरी श्रेणी में दो माह का तथा तीसरी श्रेणी में वैसे डीलर को रखा गया, जिनके पास तीन से छह माह तक का अनाज बचा था. इसी के बाद विभाग ने डीलरों को निर्देश दिया था कि सरकार तब तक अनाज नहीं देगी, जब तक कि बचा हुआ स्टॉक पूरा नहीं बांट देते.

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