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रांची : रक्षाबंधन पर्व का संबंध सिर्फ गृहस्थ से नहीं, मुनियों से भी
दिगंबर जैन मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु भगवान श्रेयसनाथ का मोक्ष कल्यार्णक पर्व मनाया गया रांची : रक्षाबंधन के अवसर पर रविवार को दिगंबर जैन पंचायत की ओर से 108 जोड़े भाई-बहनों ने आचार्य श्री 108 सुबल सागर जी महाराज को आहार दिया. महाराज जी ने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व भारतीय […]
दिगंबर जैन मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
भगवान श्रेयसनाथ का मोक्ष कल्यार्णक पर्व मनाया गया
रांची : रक्षाबंधन के अवसर पर रविवार को दिगंबर जैन पंचायत की ओर से 108 जोड़े भाई-बहनों ने आचार्य श्री 108 सुबल सागर जी महाराज को आहार दिया. महाराज जी ने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख उत्सव है. जैन धर्म में यह त्योहार मात्र सामाजिक ही नहीं, वरन आध्यात्मिक भी है. इस पर्व का संबंध सिर्फ गृहस्थ से नहीं मुनियों से भी है.
भाई-बहनों की पडगाहन विधि, नवधा भक्ति एवं अतुलनीय आहार चर्या को देखने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु दिगंबर जैन मंदिर परिसर में उपस्थित थे.
सभी बहनों ने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधा. प्रातः नौ बजे जब जैन आचार्य आहार के लिए निकले तब जैन मंदिर के सामने सड़क के दोनों ओर 108 जोड़ें केसरिया वस्त्र पहने महिलाएं एवं श्वेत वस्त्र पहने पुरुष पडगाहन के लिए खड़े थे. इस विहंगम दृश्य को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे तीर्थंकर देव की आहार चर्या हो रही है. राजधानी में काफी संख्या में भक्तों ने पहली बार इस दृश्य को देखा.
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