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लोकसभा में उठा मिशनरीज ऑफ चैरिटी से बच्चा बेचे जाने का मामला, इधर, सिस्टर प्रेमा ने कहा झूठ फैलाया जा रहा है

नयी दिल्ली : झारखंड में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी संस्था द्वारा बच्चे बेचे जाने का मामला लोकसभा में उठा. गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और इसकी सीबीआइ जांच करायी जानी चाहिए. यह संस्था सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन […]

नयी दिल्ली : झारखंड में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी संस्था द्वारा बच्चे बेचे जाने का मामला लोकसभा में उठा. गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और इसकी सीबीआइ जांच करायी जानी चाहिए. यह संस्था सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन के काम में जुटी हुई है और ऐसे में इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
दुबे ने कहा कि मिशनरीज और चैरिटी से जुड़ा मामला बहुत गंभीर है. इसके अलावा सरकार को धर्मांतरण रोकने के लिए भी कड़ा कानून बनाना चाहिए. गौरतलब है कि झारखंड में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी एक संस्था से कथित तौर पर बच्चों को बेचे जाने की खबरें सामने आयी हैं.
मामला सामने आने के बाद केंद्रीय महिला एवं विकास मंत्री मेनका गांधी ने झारखंड सरकार से इसकी तत्काल जांच कराने का आदेश दिया था. गौरतलब है कि झारखंड में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के तहत संचालित निर्मल हृदय संस्था में सैकड़ों बच्चों को बेचे जाने का मामला सामने आया है. रांची में 120 बच्चों को बेचे जाने का मामला उजागर होने के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस संस्था की गतिविधियों की जांच पुलिस कर रही है.
…इधर, सिस्टर प्रेमा ने कहा झूठ फैलाया जा रहा है
कोलकाता : मिशनरीज ऑफ चैरिटी (एमओसी) की प्रमुख सिस्टर प्रेमा ने निर्मल हृदय से बच्चा बेचे जाने के मामले पर तीन पेज का बयान जारी किया. सिस्टर प्रेमा ने अपने बयान में घटना की निंदा करते हुए इसे व्यक्ति विशेष से जुड़ी कार्रवाई बताया. सिस्टर प्रेमा एमओसी की सुपीरियर जनरल हैं और दुनिया भर में 5000 से ज्यादा ननों के समूह का नेतृत्व करती हैं.
अपने बयान में सिस्टर प्रेमा ने कहा कि हम मिशनरीज ऑफ चैरिटी के होम- निर्मल हृदय से जुड़े हालिया घटनाक्रम को लेकर बहुत दुखी हैं. जो भी हुआ, उस पर अपना खेद और दुख जताना चाहते हैं. साथ ही हम साफ शब्दों में व्यक्ति विशेष की कार्रवाईयों की निंदा करते हैं, जिसका मिशनरीज ऑफ चैरिटी के समूह से किसी तरह का जुड़ाव नहीं है.
एमओसी ने बयान में आरोप लगाया गया है कि मिथ्या प्रचार किया जा रहा है और सूचना को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. उन्हाेंने निर्मल हृदय की स्टाफ अनीमा इंदवार को उसकी व्यक्तिगत कार्रवाईयों के लिए दोषी ठहराने के साथ रांची की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को भी कठघरे में खड़ा किया.
उन्हाेंने कहा कि कमेटी की ओर से जब निर्मल हृदय में आयी अविवाहित मांओं के नवजातों को गोद देने के लिए दिया जाता था, तो लिखित में प्राप्ति की कोई सूचना नहीं दी जाती थी.
बयान में दावा किया गया है कि निर्मल हृदय में जो हुआ, उसमें कोई सिस्टर शामिल नहीं थीं. अनीमा इंदवार ने निर्मल हृदय में जनवरी 2012 में काम करना शुरू किया. शुरू में वह वॉर्ड हेल्पर रहीं. फिर अविवाहित मांओं की देखभाल के लिए स्टाफ के तौर पर काम करने लगी.
अनीमा ने काम को अच्छी तरह सीखा और सिस्टर कोंसीलिया का हाथ बंटाने लगी. हालांकि सिस्टर प्रेमा ने सिस्टर कोंसीलिया के वीडियो पर कथित इकबालिया बयान को लेकर कोई सफाई नहीं दी. इस वीडियो में अनीमा और सिस्टर कोंसीलिया दोनों ने पैसों के बदले नि:संतान दंपतियों को चार बच्चे बेचने के आरोप को कबूल किया है.

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