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झारखंड : चारा घोटाले के तीन मामलों में लालू प्रसाद को मिली डेढ़ माह की औपबंधिक जमानत

देश के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में करा सकेंगे इलाज रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने चारा घोटाले के तीन मामलों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को छह सप्ताह (डेढ़ माह) की आैपबंधिक जमानत देते हुए बड़ी राहत दी है. हालांकि, इस अवधि में लालू किसी रैली या राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे. अदालत ने मुंबई […]

देश के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में करा सकेंगे इलाज
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने चारा घोटाले के तीन मामलों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को छह सप्ताह (डेढ़ माह) की आैपबंधिक जमानत देते हुए बड़ी राहत दी है.
हालांकि, इस अवधि में लालू किसी रैली या राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे. अदालत ने मुंबई स्थित एशियन हर्ट इंस्टीट्यूट, मेदांता गुड़गांव व बीजीएस ग्लोबल हॉस्पिटल बेंगलुरु सहित देश के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में बेहतर इलाज के लिए आैपबंधिक जमानत दी है.
मालूम हो कि शुक्रवार को हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में अपील याचिका के साथ दायर आैपबंधिक जमानत के आग्रह पर सुनवाई हुई.
अदालत ने प्रार्थी के आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा कि रिम्स व एम्स की रिपोर्ट तथा प्रार्थी की दलील को देख कर ऐसा लगता है कि हृदय, किडनी की स्थिति कुछ क्रिटिकल स्टेज में है. प्लेटलेटस में कमी हो रही है. वैसी स्थिति में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में इलाज की जरूरत पड़ेगी. अदालत ने यह भी कहा कि आम लोग हों या सजायाफ्ता, हर किसी का जीवन महत्वपूर्ण है.
उसे बचाने की कोशिश करनी चाहिए. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखते हुए बताया कि रिम्स व एम्स की रिपोर्ट के अनुसार बीमारी में कोई सुधार नहीं है. रिम्स से जिस दिन एम्स में भर्ती हुए तथा जिस दिन एम्स से डिस्चार्ज होकर वापस रिम्स आये, उसमें कोई सुधार नहीं हुआ. हृदय, किडनी, प्लेटलेटस में कमी, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन सहित 15 गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं.
19 तरह की दवा खा रहें हैं. किडनी लगभग 60 प्रतिशत तक डैमेज हो चुकी है. उनके जीवन पर गंभीर खतरा बना हुआ है. ऐसे में एशियन हर्ट इंस्टीट्यूट मुंबई, मेदांता गुड़गांव व बीजीएस ग्लोबल हॉस्पिटल बेंगलुरु सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में इलाज के लिए जमानत दी जाये. श्री सिंघवी के साथ पटना हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता चितरंजन सिन्हा, अधिवक्ता प्रभात कुमार ने भी सुनवाई में सहयोग किया.
सीबीआइ के विरोध पर प्रार्थी को स्टेटमेंट वापस लेना पड़ा
सीबीआइ की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने प्रार्थी के उस स्टेटमेंट का कड़ा विरोध किया, जिसमें यह कहा गया था कि लालू प्रसाद के इलाज के मामले में एम्स की रिपोर्ट मैनेज्ड है. सीबीआइ के विरोध के बाद श्री सिंघवी ने एम्स की रिपोर्ट मैनेज्ड है, स्टेटमेंट को वापस ले लिया. साथ ही सीबीआइ ने आैपबंधिक जमानत का विरोध करते हुए कहा कि रिम्स के बाद एम्स की रिपोर्ट देखने से स्पष्ट हो जाता है कि प्रार्थी के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है. सुधार के बाद ही उन्हें रिम्स भेजा गया था.
यह भी कहा गया कि एक्सपर्ट की रिपोर्ट को कोर्ट अनदेखी नहीं कर सकता है, लेकिन एम्स की रिपोर्ट में कहीं भी उनके जीवन पर खतरा नहीं बताया गया है आैर न ही उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट की जरूरत बतायी है. सीबीआइ की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा के साथ अधिवक्ता राज नंदन प्रसाद व अधिवक्ता नीरज कुमार ने सहयोग किया.
चारा घोटाले के इन मामलों में मिली आैपबंधिक जमानत
आरसी-38ए/96, आरसी-64ए/96 व आरसी-68ए/96 मामले में लालू प्रसाद को आैपबंधिक जमानत दी गयी है.

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