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क्या! गोवंश का सबसे बड़ा तस्कर है ‘आजाद’! कोलकाता में बैठकर चलाता है कारोबार, रांची में भी हैं आजाद के मददगार

रांची : सोशल मीडिया पर एक समाचार बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें कहा गया है कि देश में गोवंश के सबसे बड़े तस्कर का नाम मोहम्मद आजाद है. वह कोलकाता में बैठकर कारोबार चलाता है. झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में उसने अपने कारोबार को अबाध रूप से संचालित करने के लिए […]

रांची : सोशल मीडिया पर एक समाचार बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें कहा गया है कि देश में गोवंश के सबसे बड़े तस्कर का नाम मोहम्मद आजाद है. वह कोलकाता में बैठकर कारोबार चलाता है. झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में उसने अपने कारोबार को अबाध रूप से संचालित करने के लिए दर्जनों लोगों को किराये पर ले रखा है. झारखंड की राजधानी रांची में आजाद ने जिस एजेंट को नियुक्त कर रखा है, उसका नाम है ‘राजा’. यहां तक कहा गया है कि आजाद सत्ताधारी दल के नेता से लेकर वरीय प्रशासनिक अधिकारियों तक को मुंह बंद रखने के लिए मजबूर कर देता है.

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सोशल मीडिया में जो समाचार वायरल हो रहा है, उसमें बताया जा रहा है कि गो तस्करीका मुख्य सरगना आजाद आजमगढ़ का रहने वाला है. गोवंश की तस्करी करके कुछ ही दिनों में उसने करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया है. हाल के वर्षों में कोलकाता को उसने अपना ठिकाना बना लिया है. यहीं से गोवंश की तस्करी कर उन्हें बांग्लादेश भेजता है.

बताया जाता है कि इसके लिए उसने अपने एजेंट तो नियुक्त कर ही रखे हैं, तीन राज्यों की पुलिस में भी अपनी पैठ बना रखी है. यही वजह है कि बिहार से शुरू होकर झारखंड होते हुए पश्चिम बंगालऔरफिर वहां से गोवंश को बांग्लादेश भेजने में उसे कोई दिक्कत नहीं होती.

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सोशल मीडिया में वायरल न्यूज के मुताबिक, एनएच-2 के किनारे जितने थाने हैं, सबमें आजाद की सेटिंग हैं. गोवंश को लेकर जब उसके ट्रक रवाना होते हैं, तो एनएच-2 के किनारे स्थित तमाम थानों को वह ट्रक का नंबर एसएमएस कर देता है. इसलिए कहीं की भी पुलिस उसके ट्रकों पर हाथ नहीं डालती. यदि कहीं, पुलिस ने ट्रक को पकड़ भी लिया, तो उसके ड्राईवर के एक कोडवर्ड बताते ही पुलिस वाला उसे छोड़ देता है. कोडवर्ड है ‘सरदार’.

इतना ही नहीं, यदि कभी एनएच पर कोई अधिकारी दिख जाये, तो संबंधित थाना के प्रमुख स्वयं ही आजाद को सूचित कर देते हैं. इसके बाद गोवंश लदे ट्रक किसी सुरक्षित जगह खड़ा कर दिया जाता है. वरीय अधिकारी के जाने के बाद आजाद को इसकी सूचना दे दी जाती है और ट्रक एनएच-2 पर फिर से फर्राटा भरने लगता है.

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दरअसल, बिहार के बक्सर जिले के चौसा से ट्रक के निकलते ही आजाद को ट्रक के नंबर समेत तमाम विवरण मिल जाते हैं.यहीजानकारी आजाद अपने गुर्गों और संबंधित थानेदारों से शेयर करता है. इसके बाद ही गोवंश से लदे ट्रक एनएच-2 पर आते हैं. इसी रास्ते से गायों को पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट और फिर वहां से बांग्लादेश भेजा जाता है.

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