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राजनीतिक दलों को चुनौती देगा सेंगेल अभियान, झारखंड विधानसभा की सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया एलान

रांची : सोमवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित आदिवासी सेंगेल रैली में सालखन मुर्मू ने सामाजिक संगठनों को एकजुट कर चुनाव लड़ने की घोषणा की. साथ ही सभी 81 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही. उन्होंने कहा कि व्यवस्था बदलने के लिए यह जरूरी है. क्योंकि सरकार ने जो समस्या खड़ी कर दी है, […]

रांची : सोमवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित आदिवासी सेंगेल रैली में सालखन मुर्मू ने सामाजिक संगठनों को एकजुट कर चुनाव लड़ने की घोषणा की. साथ ही सभी 81 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही. उन्होंने कहा कि व्यवस्था बदलने के लिए यह जरूरी है. क्योंकि सरकार ने जो समस्या खड़ी कर दी है, उसके समाधान के लिए 2019 के चुनाव का इंतजार नहीं कर सकते हैं.

समाधान अभी चाहिए. आग अभी लगी हुई है. इसे अभी बुझाया जायेगा. इसकी लड़ाई अभी लड़ी जायेगी. सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून और धर्मांतरण बिल लाकर अनैतिक काम किया है. अगले तीन-चार माह में दोनों कानूनों को निरस्त करायेंगे. राज्य में अघोषित आपातकाल की स्थिति है. राज्य के 28 आदिवासी विधायक या तो इन दोनों काले कानूनों को रद्द करायें या इस्तीफा दें. आदिवासी विधायक किसी पार्टी की संपत्ति नहीं हैं, वे अादिवासियों की संपत्ति हैं. उनको आदिवासियों के हितों के लिए लड़ना होगा. कहा कि आनेवाले विधानसभा चुनाव में आदिवासी सेंगेल अभियान चुनाव लड़ेगा. 30 सीटों पर आदिवासियों को लड़ाया जायेगा. 10 दलित, 15 अल्पसंख्यक और शेष सीटों पर पिछड़ों को लड़ाया जायेगा. 18 मार्च 2018 को एक बार फिर राज्य स्तरीय रैली का आयोजन होगा. इससे पूर्व सभी जिलों का दौरा करेंगे. एक नवंबर को 12 बजे से रांची में पदाधिकारियों की बैठक होगी.

व्यवस्था बदलने की जरूरत
मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जान नुमानी ने कहा कि परिवर्तन का समय आ गया है. अब बहुत देर नहीं होने वाली है. बहुजन समाज आज भी आजादी चाह रहा है. लेकिन, इसमें तेजी से बदलाव हो रहा है. युवा पीढ़ी जागरूक हो रहा है. बहुत दिनों से लोग दो-दो पार्टियों के बीच फंसे हुए थे. पक्ष और विपक्ष के इस खेल से लोग जागरूक हो गये हैं. लोग समझ गये हैं कि राजनीति अब हेराफेरी से नहीं चलने वाली है. इसके लिए व्यवस्था बदलने की जरूरत है. जब तक मनुवादी व्यवस्था समाप्त नहीं होगी. बहुजन समाज का न्याय नहीं हो सकता है. अादिवासी कहते हैं कि हम हिंदू नहीं है, जबरन उनको हिंदू बताया जा रहा है. यह पहली व्यवस्था है जहां सरकार बताती है कि आप किस धर्म के हैं. झारखंड के मुसलमानों का शुरू से आदिवासियों के प्रति लगाव रहा है. यहां के मुसलमानों को मजलूमों की मदद करनी चाहिए. जो लोग न्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठायेंगे, वह सच्चे मुसलमान नहीं हो सकते हैं. भारतीय नागरिक होने के नाते भी यह कर्तव्य है.
बेटी बचाओ नहीं बेटा बचाओ अभियान चला रही भाजपा
प्रदेश संयोजक सुमित्रा मुर्मू ने कहा कि राज्य के 28 आदिवासी विधायकों ने आदिवासियों की भाषा, जमीन, नौकरी, अधिकारों को बचाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया है़ यदि हमें राज्य का मालिक बनना है, तो सही मुख्यमंत्री चुनना होगा़ अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व आइपीएस डॉ अरुण उरांव ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की सरकार सबका साथ, सबका विकास की बात करती है, जबकि यह पूंजीपतियों और चुनिंदा उद्योगपतियों के विकास में लगी है़ बेटी बचाओ की जगह भाजपा नेताओं ने अपना बेटा बचाओ (शहजादा बचाओ) अभियान चलाया है़ भाजपा सरकार झूठ की बुनियाद पर टिकी है़ जुमलों की सरकार है़ सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन में असफल होने के बाद सरकार जमीन लेने के लिए सरकार भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लाकर दूसरी तरफ से कान पकड़ रही है़ जब तक यह राज्य झारखंडियों का नहीं बनेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा़
अधिकार लेना है, तो एकजुट होना होगा
मूलवासी सेंगेल अभियान के प्रदेश संयोजक विदेशी महतो ने कहा कि सालखन ने सीएनटी- एसपीटी एक्ट में संशोधनों को न्यायालय में चुनौती देकर रुकवाया है़ पंचायत व नगर निगम चुनाव कराने और संथाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने में अहम भूमिका निभायी है़ डोमिसाइल, आरक्षण, विस्थापन और पलायन के सवालों पर लड़ाई लड़ रहे है़ं यदि हक- अधिकार लेना है तो आदिवासियों- मूलवासियों, मुसलमानों और पिछड़ों को एकजुट होना होगा़
विधेयक की प्रति जला कर किया विरोध
अभियान के दक्षिणी प्रमंडल संयोजक जस्टिन बेक ने कहा कि सरकार और विपक्षी पार्टियों को आम लोगों की चिंता नहीं है़ आम जनता सड़क पर है पर विपक्षी पार्टियां नही़ं कार्यक्रम का संचालन पूर्व मंत्री थियोडोर किड़ो ने किया़ कार्यक्रम के दौरान बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम ने मंच पर भूमि- अधिग्रहण संशोधन विधेयक की प्रति जलायी़ उन्होंने कहा कि मोरहाबादी में 18 मार्च को होने वाली आदिवासी सेंगेल अभियान की अगली महारैली में धर्मांतरण कानून की प्रति भी जलायेंगे़
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, लगा जाम
आदिवासी सेंगेल अभियान महारैली में कई जिलों से काफी संख्या में महिला-पुरुष जुटे थे़ रैली को देखते हुए रांची पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे़ मोरहाबादी मैदान में 650 महिला व पुरुष पुलिसकर्मी तथा 200 अफसराें की तैनाती थी़ वहीं ट्रैफिक पुलिस ने यातायात की व्यवस्था की थी़ इसके बाद भी कई जगह जाम लग गया़ ओवरब्रिज से राजेंद्र चौक तक कडरू ब्रिज पर जाम लगा रहा़ इधर हरमू रोड में भी रैली में शामिल कुछ वाहन के प्रवेश कर जाने के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हुई थी़ बाद मेें बाइक दस्ता को भेजा गया और जाम को धीरे-धीरे समाप्त कराया गया़
आदिवासी के लिए हो सीएम का पद
बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का पद आदिवासियों के लिए आरक्षित होना चाहिए. दोनों राज्यों का निर्माण आदिवासियों के हितों के लिए हुआ है. यहां केंद्र ने अपना नॉमिनेटेड सीएम बैठा दिया है. श्री मेश्राम ने कहा कि आदिवासियों की जमीन के खिलाफ साजिश केवल झारखंड की समस्या नहीं है. पूरे देश में आदिवासियों की जमीन पर सरकार की नजर है. हम लोग झारखंड के बाहर इसकी लड़ाई लड़ रह रहे हैं. महाराष्ट्र में तो अादिवासियों की नयी सूचीकरण हो रही है. झारखंड सरकार ने धर्मांतरण बिल लाया है. कौन किस धर्म में रहे, यह संविधान के मौलिक अधिकार में है. इस तरह के कानून के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन किया जायेगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
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