रांची: चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का बयान आज यहां सीबीआइ की विशेष अदालत में दर्ज किया गया. एसएस प्रसाद की विशेष सीबीआइ अदालत मेंमंगलवारको लालू प्रसाद यादव उपस्थित हुए और उन्होंने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत अपना बयान दर्ज कराया, जिसके तहत कानूनी प्रावधानों के अनुसार उन्होंने अभियोजन पक्ष सीबीआइ की तरफ से पेश किए गए साक्ष्यों एवं गवाहों के बयान पर अपना पक्ष रखा.
इस दौरान विशेष अदालत ने उनसे कुल 17 सवाल किए. जिनमें मुख्य रूप से अदालत में तत्कालीन एजी की रिपोर्ट के बारे में उनसे जानना चाहा एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी एसबी सिन्हा एवं लेखाधिकारी आरके दास के सेवा विस्तार के बारे में लालू से सवाल किए. लालू यादव ने एजी की रिपोर्ट के बारे में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एजी की रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री के पास नहीं आती है और यह पहले राज्यपाल के पास जाती है जहां से होते हुए यह विधानसभा पहुंचती है और विधानसभा की लोक लेखा समिति की जांच के बाद ही यह मुख्यमंत्री के संज्ञान में आती है.
लिहाजा सीबीआइ का यह दावा बेमानी है की सीएजी की रिपोर्ट के बारे में उन्हें पहले से ही संज्ञान हो गया था क्योंकि उसमें कथित तौर पर पशुपालन विभाग से अवैध निकासी की बात थी. लालू ने अपने बयान में दावा किया कि एजी की रिपोर्ट में 1991- 92-93 तक कहीं भी पशुपालन विभाग में अवैध निकासी की चर्चा नहीं है. एजी की रिपोर्ट में सिर्फ तय बजट से अधिक खर्चे की चर्चा है और उसे वित्तीय प्रावधानों में समायोजित करने की बात कही गयी थी.
लालू प्रसाद यादव का बयान दर्ज करने के बाद अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 13 जुलाई निर्धारित की और उक्त तिथि पर सभी आरोपियों से अपने गवाहों की सूची पेश करने को कहा. इसके अलावा देवघर कोषागार से अवैध निकासी के आरसी 64 मामले में 13, 14, 15 जुलाई को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में सुनवाई निर्धारित है और उस दौरान लालू प्रसाद यादव को देवघर के इस मामले में अदालत में पेश होना होगा.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार ने बताया कि चाईबासा कोषागार के मामले में अब लालू प्रसाद यादव को उपस्थित नहीं होना होगा. अब इस मामले में उन्हें सिर्फ अदालत के निर्देश पर ही अदालत में पेश होने की आवश्यकता होगी.