34.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

रजरप्पा के विक्रांत ने क्षेत्र का नाम किया रोशन, भारतीय सेना में बने लेफ्टिनेंट

रजरप्पा के विक्रांत ने क्षेत्र का नाम रोशन किया. भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं. विक्रांत की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल रजरप्पा से हुई है. वे 2015 में यहां से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद 2017 में डीपीएस बोकारो से बारहवीं की पढ़ाई पूरी की.

रजरप्पा, सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार : कहते है कि निष्ठापूर्वक सही दिशा में कड़ी मेहनत की जाये, तो सफलता खुदबखुद आपकी कदम चूमती है. जी हां इसी कहावत को चरितार्थ किया है रजरप्पा प्रोजेक्ट के होनहार छात्र 24 वर्षीय विक्रांत श्री ने, जिन्होंने अपने छात्र जीवन से ही देश की रक्षा और सेवा करने की ठान ली थी. भारतीय सेना के सीडीएस और एयरफोर्स की परीक्षा में चार बार मिली असफलता के बाद भी उन्होंने हार नहीं माना. अंततः पांचवीं प्रयास में उन्होंने यूपीएससी सीडीएस (कंबाइंड डिफेंस सर्विस) में सफलता अर्जित की और भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने.

जानकारी के अनुसार के अनुसार विक्रांत ने वर्ष 2022 मार्च माह में यूपीएससी सीडीएस की परीक्षा दी. मई माह में जारी हुए परिणाम में इनका चयन हुआ. इसके बाद इलाहाबाद में छह दिनों तक इंटरव्यू और 11 दिनों तक मेडिकल जांच हुआ. तत्पश्चात वर्ष 2023 जनवरी माह में मेरिट लिस्ट जारी हुआ. जिसमें विक्रांत को पूरे देश में 44वां रैंक प्राप्त हुआ. अब एक वर्ष तक ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में प्रारंभिक प्रशिक्षण होने के बाद उन्हें पोस्टिंग मिलेगी. विक्रांत की इस उपलब्धि से क्षेत्र के लोगों में हर्ष का माहौल है. बताते चले कि विक्रांत के पिता केवल विजय सीसीएल रजरप्पा में वित्त विभाग में कार्यरत है. मां रेखा देवी गृहणी और बड़ा भाई विक्रम श्री अमेरिका में कार्यरत है.

रजरप्पा से दसवीं व कोलकाता से किया है इंजीनियरिंग

विक्रांत की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल रजरप्पा से हुई है. वे 2015 में यहां से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद 2017 में डीपीएस बोकारो से बारहवीं की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद नेता जी सुभाष इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने चार बार यूपीएससी सीडीएस और एयरफोर्स की परीक्षा दी. हालांकि इन्हें शुरुआत में सफलता नहीं मिल पायी. लेकिन उन्होंने अपनी असफलता से घबराया नहीं और पांचवीं बार में अपनी सफलता से भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट की उपलब्धि हासिल की.

Also Read: Sarhul Festival: सिरमटोली सरना स्थल को बचाने के लिए हुई थी सरहुल शोभायात्रा की शुरुआत
देश की रक्षा के साथ सेवा करना गौरवपूर्ण : विक्रांत श्री

विक्रांत श्री ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि बारहवीं कक्षा से ही सेना में जाने की इच्छा थी. अब यह सपना पूरा हुआ है. राष्ट्र की रक्षा के साथ सेवा करना गर्व के साथ सौभाग्य की बात है. मां छिन्नमस्तिके देवी की कृपा और बड़ों के आशीर्वाद से मुझे यह उपलब्धि हासिल हुआ है. उन्होंने युवाओं से कहा है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है. कठिन परिश्रम से ही मुकाम मिलती है. सभी युवा लक्ष्य निर्धारित कर अपने जीवन में आगे बढ़े और देश की विकास में अपना अहम योगदान दें. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता, पिता, बड़े भाई, दादा हरिहर साहू और अपने गुरुजनों को दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें