त्रुटियों को ठीक करते हुए नौकरी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी : पीओ उरीमारी. बिरसा परियोजना कार्यालय में शनिवार को सीसीएल प्रबंधन ने विस्थापित संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की. मोर्चा ने शुक्रवार को प्रदूषण व अन्य मांगों को लेकर कोयला ट्रांसपोर्टिंग को ठप करा दिया था. इसके बाद प्रबंधन ने शनिवार को वार्ता करने का आश्वासन दिया था. वार्ता में सीएचपी साइलो साइडिंग व क्रशर से होने वाले प्रदूषण, खाता नंबर 10 की 25 एकड़ जमीन से संबंधित लोगों को नौकरी व मुआवजा देने, रेलवे रैक में कोयले की क्वालिटी सैंपलिंग में रोजगार देने, हेसाबेड़ा बस्ती में निर्बाध पेयजल आपूर्ति करने, रेलवे साइडिंग क्रशर को बंद करने, दिवंगत शिवनंदन मुर्मू व सुरेश सोरेन के आश्रित को आउटसोर्सिंग कंपनी में रोजगार देने पर चर्चा हुई. वार्ता में प्रबंधन ने दो-तीन दिन में सभी मुद्दों पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया. विस्थापित नेता सीताराम किस्कू ने कहा कि पूर्व में प्रबंधन को 25.69 एकड़ जमीन प्रबंधन को सीबी एक्ट के तहत दिया गया था. इसमें मात्र दो लोगों को ही नौकरी मिली है. प्रति तीन एकड़ पर एक नौकरी का प्रावधान है. पांच लाेगों को अब तक नौकरी नहीं मिली है. पीओ सुबोध कुमार ने कहा कि त्रुटियों को ठीक करते हुए नौकरी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जायेगा. वार्ता में राजू यादव, महादेव बेसरा, मुखिया चरका करमाली, गीता देवी, काैलेश्वर मांझी, कंचन मांझी, दशाराम हेंब्रम, मन्नु टुडू, पूरन मांझी, विनोद प्रजापति, कुल्ला प्रजापति, डॉ जीआर भगत, संजय यादव, तालो बेसरा, जतरू बेसरा, किशन, लखन प्रजापति, फूलमुनी देवी, गीता देवी, सीतामुनी देवी, तेतरी देवी, आशा देवी, सीतामुनी किस्कू, मोनिका टुडू, प्रिया टुडू, बसंती देवी, शांति शामिल थे.
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