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केदला. सीसीएल की परेज पूर्वी उत्खनन परियोजना में करीब एक सालों से एक डीजल चाेर गिरोह सक्रिय है. गिरोह की सेटिंग की कई जगहों पर है. इसके कारण वह एरिया से सुरक्षा कर्मी के हाथ नहीं लग रहा है. प्रति दिन दो सौ लीटर डीजल की बारी वाहन से चोरी हो रही है. जिस से सीसीएल को प्रतिमाह लाखों व रुपये का नुकसान हो रहा है. इस मामले में परियोजना के सुरक्षा विभाग की भूमिका काफी निष्क्रिय है, जिसके कारण सुरक्षा विभाग पर भी सवाल खड़ा हो रहा है. सूत्रों के मानें, तो परेज के एक युवक दस-बारह की संख्या में युवकों को शामिल कर एक गिराेह बना लिया है. यह गिरोह हर रात परियोजना के पीट आफिस में खड़े भारी वाहनों व खदान में रात के समय चल रहे वाहनों से भारी मात्रा में डीजल निकालने का काम करता है. इसके बदले में कई कर्मचारियों से लेकर वाहन के आपरेटरों तक को पैसे मिलते है. गिरोह परेज, तापीन, चोपड़ा मोड़ तक स्कॉर्पियो व एक डब्लूबी नंबर की कार से रोड में पेट्रोलिंग करते हैं. घटना का अंजाम रात्रि के 3 बजे से पांच बजे के बीच में दिया जाता है. गैलन में भरा यह तेल बड़े ही आराम से शिफ्ट वाहनों के द्वारा परियोजना के बाहर निकाल लिया जा रहा है. यह गिरोह इतना शातिर है कि परियोजना में हर रात भारी मात्रा में तेल चोरी वर्षों से कर रहा है, लेकिन आज तक प्रशासन व प्रबंधन की पकड़ में नहीं आ पाया. अगर समय रहते इस गिरोह को नहीं पकड़ा गया, तो आने वाले दिनों में परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. यह गिरोह पर परियोजना में गैस कटर लेकर भी घूमने लगा है. स्क्रैप का धंधा भी शुरू कर दिया है. वहीं इस संबंध में परियोजना के सुरक्षा अधिकारी मुन्ना नोनियां ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है. इस मामले में जानकारी लेकर गिरोह के सरदार सहित इसमें शामिल चोरों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
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