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ट्रेन चालकों का सेंदरा करने की दी धमकी
ललपनिया प्लांट के विस्थापितों ने बरकाकाना के चालक दल को इस रूट पर ट्रेन चलाने पर सेंदरा करने की धमकी दी है. इससे चालकों में भय व्याप्त है़ इस संबंध में 16 अप्रैल को चालकों ने रेल प्रबंधन से मामले की शिकायत की थी़ लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है़ विस्थापितों ने कहा […]
ललपनिया प्लांट के विस्थापितों ने बरकाकाना के चालक दल को इस रूट पर ट्रेन चलाने पर सेंदरा करने की धमकी दी है. इससे चालकों में भय व्याप्त है़ इस संबंध में 16 अप्रैल को चालकों ने रेल प्रबंधन से मामले की शिकायत की थी़ लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है़ विस्थापितों ने कहा है कि जब तक विस्थापन का पूरा लाभ नहीं मिल जाता, तब तक ट्रेन नहीं चलने देंगे.
बरकाकाना : डुमरी-ललपनिया के बीच बने रेल पथ पर ट्रेन परिचालान का विस्थापितों ने विरोध किया है. चालक दल को इस रूट पर ट्रेन चलाने पर सेंदरा करने की धमकी दी गयी है. विस्थापितों के इस रूख से ट्रेन परिचालन दल में भय फैल गया है. चालक दल और गार्ड ने बिना सुरक्षा ललपनिया रूट पर ट्रेन चलाने से मना कर दिया है.
बुधवार को सीआइसी सेक्शन के डुमरी स्टेशन पर कोयले से भरी मालगाड़ी घंटों तक खड़ी रही. ट्रेन के चालक दल व गार्ड ने बिना सुरक्षा ललपनिया रूट पर ट्रेन चलाने से मना कर दिया. घंटों बाद ललपनिया प्लांट के सुरक्षाकर्मी व कुछ स्थानीय प्रबुद्ध ग्रामीणों के हस्तक्षेप के बाद ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हो सका. इससे पूर्व भी 16 अप्रैल को कोयले से भरी मालगाड़ी ललपनिया प्लांट के लिए चली थी. ट्रेन के डुमरी स्टेशन से खुलने के बाद उसे थोड़ी दूर पर ही विस्थापित ग्रामीणों ने रोक दिया था.
चालक बीएन लाल, सहायक पीके भौमिक व गार्ड संतोष कुमार को ट्रेन से उतार कर ललपनिया रूट पर ट्रेन नहीं चलाने की धमकी दी. कहा कि जब तक ग्रामीणों को उनके विस्थापन का पूरा लाभ नहीं मिल जाता, तब तक ट्रेन नहीं चलने देंगे. हमारी बातों को दरकिनार करने पर ट्रेन परिचालन दल का गुलेल व तीर-धनुष से सेंदरा कर दिया जायेगा. तब धमकी के बाद चालाक दल ने डुमरी स्टेशन पर लिखित शिकायत भी दर्ज करायी थी. लेकिन रेल प्रबंधन ने इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. इसके कारण बरकाकाना के चालक दल ट्रेन को इस रूट पर ले जाने से कतरा रहे हैं.
मामले पर इसीआरकेयू बरकाकाना के शाखा सचिव ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि रेल कर्मियों को भय व तनावमुक्त व गार्ड वातावरण देना रेल प्रबंधन का काम है. विस्थापन जैसी समस्या का समाधान सरकार व रेल प्रशासन को शीघ्र करना चाहिए.
उन्होंने विस्थापितों से आग्रह किया कि रेलकर्मी सिर्फ अपनी ड्यूटी को पूरा कर रहे हैं. समस्या समाधान के लिए चालक दल को निशाना बनाया जाना उचित नहीं है. कहा कि रेल प्रबंधन द्वारा रेलकर्मियों को कार्य के दौरान सुरक्षा नहीं दिये जाने पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बाधित कर दिया जायेगा.
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