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एक टीचर ने बदल दी गांव की तस्वीर, जुआ व शराब के अड्डे को फिर से बनाया विद्या का मंदिर

झारखंड के पलामू जिला में एक गांव है बरडीहा. यहां के सरकारी स्कूल को असामाजिक तत्वों ने जुआ और शराब का अड्डा बना दिया था. एक टीचर ने तकनीक और बच्चों में नया जोश भरकर पूरे गांव की तस्वीर बदल दी है. स्कूल को फिर से शिक्षा का मंदिर बना दिया है.

छतरपुर (राजीव सिन्हा) : झारखंड के पलामू जिला में एक गांव है बरडीहा. यहां के सरकारी स्कूल को असामाजिक तत्वों ने जुआ और शराब का अड्डा बना दिया था. एक टीचर ने तकनीक और बच्चों में नया जोश भरकर पूरे गांव की तस्वीर बदल दी है. स्कूल को फिर से शिक्षा का मंदिर बना दिया है.

सब संभव हुआ है मनोरंजन कुमार सिन्हा की वजह से. छतरपुर प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव बरडीहा कुछ वर्ष पहले तक शराब व जुआ के अड्डा के लिए बदनाम था. स्कूल में बच्चे पढ़ने नहीं जाते थे. वहां शराबियों और जुआरियों का कब्जा हुआ करता था. इसी दौरान डेहरी ऑन सोन से एक टीचर आये. नाम है मनोरंजन कुमार सिन्हा.

सरकारी स्कूल के इस टीचर ने स्मार्ट क्लास की व्यवस्था करके बच्चों में शिक्षा के प्रति नयी उमंग भर दी. बरडीहा गांव के राजकीय उत्क्रमिक मध्य विद्यालय के इस नये प्रधानाध्यापक ने शिक्षकों की मदद से स्कूल में स्मार्ट क्लास की शुरुआत की. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं. इसके लिए स्मार्ट टीवी, इंटरनेट, इन्वर्टर, डीटीएच के साथ-साथ वाई-फाई की भी व्यवस्था की गयी है.

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मनोरंजन सिन्हा ने बताया कि झारखंड सरकार के द्वारा डीजी साथी एप्प के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. प्रत्येक स्कूल को वाट्सएप ग्रुप से जोड़कर कंटेंट भेजा जाता है. लेकिन, गांव के अधिकतर लोग मजदूर हैं. इसलिए वे अपने बच्चों को पढ़ने के लिए मोबाइल और इंटरनेट पैक की नहीं व्यवस्था नहीं कर पाते.

उन्होंने बताया कि विद्यालय में कुल 252 बच्चे हैं. इनमें से मात्र 34 के पास मोबाइल है. इनमें से भी कई बच्चों के माता-पिता हमेशा फोन को री-चार्ज नहीं करवा पाते. इसका नुकसान बच्चों को उठाना पड़ता है. इसलिए स्कूल में पदस्थापित शिक्षकों ने मिलकर स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की है.

श्री सिन्हा ने बताया कि स्मार्ट क्लास और वाई-फाई की व्यवस्था हो जाने से अब बच्चे रोजाना विद्यालय आकर अध्यन कर रहे हैं. वह खुद वीडियो बनाकर यू-ट्यूब पर अपलोड कर देते हैं. इसका लिंक स्कूल के ग्रुप में क्लास प्लस लाइट ऐप्प के माध्यम से भेज देते है. जिन बच्चों के पास मोबाइल है, वे घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कर लेते हैं और जिनके पास फोन नहीं है, वे स्मार्ट क्लास में जाकर पढ़ते हैं.

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इतना ही नहीं इस विद्यालय के बच्चे अब सरकार के द्वारा प्रत्येक शनिवार को आयोजित प्रतियोगिता में भी भाग ले पायेंगे. विद्यालय के शिक्षक गूगल पर शीट बनाकर व्यक्तिगत स्तर पर सप्ताह में क्विज का आयोजन कर बच्चों की मानसिक क्षमता बढ़ायेंगे. स्कूल के शिक्षकों की पहल रंग लायी है और शराब एवं जुआ का अड्डा बन चुका स्कूल एक बार फिर शिक्षा का मंदिर बन गया है.

Posted By : Mithilesh Jha

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