Sugar Free Potato News, Palamu News, हुसैनाबाद न्यूज (जितेन्द्र प्रसाद) : मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो, तो हर क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. बशर्ते कि उस दिशा में ईमानदारी के साथ पहल की जाए. इस बात को चरितार्थ कर रहे हैं झारखंड के पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के दंगवार गांव के किसान. इस गांव के किसान सामूहिक रूप से दो एकड़ में डुमरहथा गांव में शुगर फ्री आलू की खेती कर रहे हैं. लखनऊ से प्रेरणा मिलने के बाद शिमला से बीज मंगाकर ये शुगर फ्री आलू की खेती कर रहे हैं. किसानों की मानें, तो अन्य किसानों को भी इसकी खेती के लिए प्रेरित किया जायेगा.
लखनऊ से मिली शुगर फ्री खेती की प्रेरणा
पलामू जिले के हुसैनाबाद में शुगर फ्री आलू की फसल लहलहा रही है. दंगवार, डुमरहथा, नादियाइन गांव के किसान प्रियरंजन सिंह, अशोक मिस्त्री, संजय मिस्त्री, राजकुमार मेहता, चंद्रदेव मेहता, रामवतार मेहता, जितेंद्र मेहता, सुधीर मेहता ने संयुक्त रूप से जपला-दंगवार पथ से सटे डुमरहथा गांव में इसकी खेती की है. वीर कुंअर सिंह सहकारी समिति, डुमरहथा के अध्यक्ष सह किसान प्रियरंजन सिंह ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें बाराबंकी बीज अनुसंधान केंद्र, लखनऊ से मिली.
शिमला से लाया आलू का बीज
किसान प्रियरंजन सिंह कहते हैं कि शुगर फ्री आलू की खेती की जानकारी मिलने के बाद इस मुद्दे पर उन्होंने विचार विमर्श किया. इसके बाद भारतीय अनुसंधान केंद्र, शिमला की कुफरी शाखा से आलू का बीज लाया. इस तरह से शुगर फ्री आलू की खेती की शुरुआत हुई.
तीन गुनी उपज और अच्छी आमदनी
किसान प्रियरंजन बताते हैं कि इसकी खेती सामान्य आलू की ही तरह होती है, लेकिन इसकी उपज तीन गुनी अधिक होती है, जबकि बाजार में ये आलू करीब 80 रुपये किलो बिकता है.
रासायनिक खाद मुक्त खेती
शुगर फ्री आलू की खेती की सबसे खास बात ये है कि इसमें जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है. इसमें रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि इसकी खेती के लिए पलामू के किसानों को प्रेरित किया जायेगा. इतना ही नहीं, किसानों को बीज भी उपलब्ध कराया जायेगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra