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Jharkhand News : 10 हजार की डुप्लीकेट चाबी से करोड़ों का सोना गायब, बैंक का डिप्टी मैनेजर निकला मास्टरमाइंड

पलामू के PNB लॉकर से लाखों के गहना मामले में पुलिस ने बैंक मैनेजर व डिप्टी मैनेजर सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले का मास्टरमाइंड PNB का डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार निकला. वहीं, इस कार्य में बैंक के मैनेजर गंधर्व कुमार समेत 13 लोग शामिल थे.

Jharkhand Crime News (अजीत मिश्रा, मेदिनीनगर, पलामू) : झारखंड के पलामू में पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर से गायब जेवर मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है. पुलिस ने इस मामले में बैंक के मैनेजर, डिप्टी मैनेजर सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने एक किलो 395 ग्राम सोने का जेवर बरामद किया है. डिप्टी मैनेजर का सहयोग करने वाले दो मुख्य आरोपी ओमप्रकाश चंद्रवंशी उर्फ रिशु व मनोज सिंह फिलहाल पुलिस पकड़ से बाहर है. पुलिस दोनों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है. बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने इस पूरे मामले का खुलासा किया.

एसपी श्री सिन्हा ने बताया कि लॉकर से जेवर गायब होने का मामला फरवरी माह में आया था. जब गुरजीत सिंह व एनएन तिवारी के लॉकर से जेवर गायब थे, लेकिन तब डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार के साथ मिलकर बैंक के शाखा प्रबंधक गंधर्व कुमार ने मामले को दबा दिया और ग्राहक के साथ समझौता कर उनका सारा सामान वापस कर दिया था. जिसके कारण यह मामला प्रकाश में नहीं आ सका.

14 सितंबर को कृषि वैज्ञानिक अशोक कुमार सिन्हा का जब लॉकर ऑपरेट नहीं हुआ और उसे तोड़ने के बाद जब जेवर गायब पाया गया तब उन्होंने मामला दर्ज कराया था. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले का अनुसंधान शुरू किया. एसपी श्री सिन्हा ने बताया कि प्रारंम्भिक अनुसंधान में भी इस मामले में डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार की भूमिका संदिग्ध पाया गया क्योंकि घटना के बाद कुछ दिनों के लिए डिप्टी मैनेजर बैंक में अनुपस्थित थे.

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इसी बीच पुलिस को यह जानकारी मिली की लॉकर का जेवर स्थानीय स्वर्ण व्यवसायी प्रशांत उर्फ पिंटू सोनी द्वारा खरीदा गया है. जब पिंटू से पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने अपना दोष स्वीकार किया. साथ ही यह बताया कि डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार पिछले छह-सात माह से जेवर बंधक रखने का कारोबार कर रहे हैं. साथ ही बड़े व्यवसायी कपिल व जितेंद्र सोनी उर्फ रसगुल्ला के साथ भी डिप्टी मैनेजर का संबंध है और वहीं पर ब्याज पर लॉकर का जेवर रखा है.

जितेंद्र व कपिल ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि पिंटू ने लॉकर का जेवर बंधक पर रखा है. जितेंद्र ने यह बताया कि उसने जो सोना गिरवी रखा था उस पर गोल्ड लोन ले रखा है. इस बयान के बाद पुलिस ने बैंक से इसका सत्यापन कराया. जिसमें जितेंद्र की बयान की पुष्टि हुई है.

एसपी श्री सिन्हा ने बताया कि छानबीन के दौरान इसकी भी पुष्टी हुई कि जो जेवर लॉकर से गायब किया गया है उसमें 458 ग्राम सोना को जितेंद्र सोनी और 189 ग्राम सोना को रखकर ICICI बैंक से गोल्ड लोन लिया है, जबकि 240 ग्राम सोना बड़े कारोबारी मोहित सोनी को दिया गया था, जिसे पुलिस ने बरामद किया है. इस मामले में मोहित सोनी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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कर्ज में डूबा था डिप्टी मैनेजर

एसपी श्री सिन्हा के अनुसार, पुलिस के समक्ष डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार ने अपना गुनाह कबूल किया है. पुलिस के समक्ष उसने जो बयान दिया है उसके मुताबिक प्रशांत काफी कर्ज में डूबा हुआ है. आरोपी डिप्टी मैनेजर प्रशांत का एक मित्र कामडारा शाखा में कार्यरत है. उसी का भाई इंटक नेता है जिससे प्रशांत के मित्र ने कर्ज दिलाया था, लेकिन समय पर जब पैसा वापस नहीं हुआ, तो प्रशांत पर दबाव बढ़ने लगा. कर्ज से मुक्ति के लिए उसने लॉकर से जेवर गायब करने की कार्य योजना तैयार की. इसमें वह अपने साथी मनोज सिंह चेरो से चाबी बनाने वाला का पता कराने लगा. मनोज ने ही चाबी बनाने वाले मकबूल से प्रशांत को मिलवाया.

10 हजार में बनती थी एक लॉकर की डुप्लीकेट चाबी

छानबीन के क्रम में पुलिस को जो जानकारी मिली उसके मुताबिक एक लाकर को खोलने के लिए मेदिनीनगर का मकबूल मिस्त्री 10 हजार रुपया लेता था. चूंकि लॉकर डिप्टी मैनेजर के ही जिम्मे रहता था. डिप्टी मैनेजर प्रशांत के कहने पर बैंक का दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कलाम लॉकर का चाबी निर्धारित स्थान पर रखने की बजाये डिप्टी मैनेजर के टेबुल के दराज में रख देता था. जहां से छुट्टी के दिन या बैंक खुलने से पहले सुबह में जाकर मकबूल लॉकर खोलता था.

एसपी चंदन सिन्हा ने बताया कि जो चाबी से लॉकर खुलता है उसमें एक बैंक के पास रहता है और दूसरा चाबी ग्राहक के पास रहता है. लेकिन, डिप्टी मैनेजर प्रशांत मकबूल की मदद से डुप्लीकेट चाबी व बैंक की चाबी के साथ लॉकर खोलता था और गहना गायब कर उसे व्यवसायियों के पास पहुंचाता था. इस पूरे प्रकरण में बैंक प्रबंधक गंधर्व कुमार सहयोगी की भूमिका में थे.

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जानकारी होने के बाद भी मैनेजर द्वारा वरीय अधिकारियों को सूचना देने की बजाये अपने स्तर से ही मामले को दबाने की कोशिश कर रहे थे. एसपी ने इस पूरे प्रकरण में बैंक प्रबंधन के उदासीन रवैये पर सवाल खड़ा किया. साथ ही कहा कि यह बड़ा मामला है. लेकिन, अभी तक बैंक के किसी बड़े अधिकारी ने पुलिस से संपर्क कर जानने की भी कोशिश नहीं की. जबकि बैक के लॉकर से गहना गायब हुआ है. कायदे से भी इसकी प्राथमिकी बैंक प्रबंधन को दर्ज कराना चाहिए था. लेकिन बैंक उदासीन बना रहा. उसके बाद ग्राहकों की शिकायत पर पुलिस ने सक्रियता के साथ पहल कर इस मामले का उदभेदन किया है. अब इस पूरे मामले को लेकर बैंक के वरीय अधिकारियों को लिखेंगे.

लॉकर कांड में इनकी हुई गिरफ्तारी

शाखा प्रबंधक गंधर्व कुमार, डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार, मकबूल अंसारी, प्रशांत उर्फ पिन्टु सोनी, राजेश गुप्ता, वसीम आलम, कलाम, कपिल सोनी, जितेंद्र सोनी उर्फ रसगुल्ला, मोहित सोनी, शिवम सोनी, अब्दुला अंसारी, रवि खतरी.

क्या है पूरा मामला

मेदिनीनगर के पंजाब नेशनल बैंक के शाखा के 7 लॉकर से करोड़ों का गहना गायब हो गया है. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 13 सितंबर को चियांकी कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक अशोक कुमार सिन्हा अपना लॉकर ऑपरेट करने गये थे. लेकिन, उनका लॉकर नहीं खुला. जब उसे तोड़ा गया, तो लगभग 21 लाख का गहना गायब पाया गया. इसकी प्राथमिकी शहर थाना में दर्ज करायी गयी. इसके बाद 20 सितंबर को नीलांबर-पीतांबर विवि के कर्मी वेदप्रकाश शुक्ला उर्फ गुडू शुक्ला, राजीव मुखर्जी व प्रताप नगर के रमण किशोर सिंह, बबीता सिंह जब अपना लॉकर ऑपरेट करने पहुंचे, तो लाॅकर नहीं खुला.

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जब इसकी शिकायत बैक मैनेजर गंधर्व कुमार से की गयी, तो लॉकर तोड़ने के लिए चार्ज देने को कहा. इसको लेकर लॉकधारी आक्रोशित हो गये और हंगामा भी किया था. इसके जिसके बाद एसपी श्री सिन्हा वहां पहुंचे. मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी और जब लॉकर टूटा, तो करोड़ों का गहना गायब पाया गया. इसके बाद पुलिस ने सक्रियता के साथ लगकर पूरे मामले का उद्भेदन किया है. इस मामले का मास्टर माइंड डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार निकले. सहयोगी की भूमिका बैंक मैनेजर गंधर्व कुमार ने निभाया.

Posted By : Samir Ranjan.

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