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पलामू में आदमखोर तेंदुआ का खौफ जारी, शाम ढलते ही लोगों का घर से निकलना बंद

पिछले लगभग एक महीने से पलामू में आदमखोर तेंदुआ का आतंक जारी है. तेंदुआ के खौफ के कारण लोग इतना भयभीत हैं कि शाम ढलते ही घर से निकलना बंद कर दिया है.

पलामू, संतोष कुमार : आदमखोर तेंदुआ के द्वारा हमला करने का खौफ बेतला सहित पीटीआर के जंगल से सटे गांव में बना हुआ है. शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक जा रहे हैं. वहीं जंगल जाने वाले लोगों की गतिविधि भी बहुत कम हो गयी है. जंगल से सूखी लकड़ी सहित अन्य तरह के वनोत्पाद का संग्रह करने वाले लोग पूरी तरह से घरों में सिमटे हुए हैं. बेतला पार्क से सटे गांव के कई लोग खासकर महिलाएं जंगल जाकर लकड़ी लाती थी.लेकिन उनके अंदर तेंदुआ को लेकर इस तरह से खौफ बना हुआ है कि लोग भयभीत हैं. इस कड़ाके की ठंड में भी लोगों को सुखी लकड़ी जलाने हेतु प्राप्त नहीं हो रहा है.

महिलाएं जंगल जाने को तैयार नहीं

अकेले बेतला में ही दो दर्जन से अधिक ग्रामीण महिलाएं जंगल जाती थी और उसी लकड़ियां बटोर कर लाती थी. उन्हें बेचकर अपना गुजारा करती थी. वहीं इसका राहत लोगों को ही मिलता था. जो लोग जलावनी लकड़ी से खाना पका कर खाते थे उनके समक्ष भारी परेशानी हो रही है. लाख समझाने के बाद भी ग्रामीण महिलाएं जंगल जाने को तैयार नहीं है. इस कारण जिस रास्ते से ग्रामीण महिलाएं गुजरती थी वह रास्ता पूरी तरह से विरान पड़ा हुआ है.

मवेशी चराने नहीं जा रहे हैं जंगल

इतना ही नहीं मवेशी चराने वाले लोग भी जंगल नहीं जा रहे हैं.इधर तेंदुआ का खौफ लोगों में रात भर बना रहता है इस कारण लोग रात में बाहर नहीं निकलना चाहते हैं. पिछले दिनों कुटमू में में आग लगने की घटना हुई थी.उस समय भी रात्रि में बहुत लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाये थे. उन्हें इसकी आशंका बन गयी थी कि गांव में तेंदुआ आ गया है.इसलिए लोग शोर मचा रहे हैं. लेकिन काफी देर के बाद जब उन्हें पता चला कि घर में आग लगी है तब लोग दौड़े. इस तरह से कई अन्य गांव में भी लोगों में तेंदुआ को लेकर दहशत बना हुआ है. तेंदुआ न कह कर उसे बाघ का संबोधन दे रहे हैं.

मॉर्निंग वॉक बंद , कोचिंग नहीं जा रहे विद्यार्थी, फेरीवाले नहीं जा रहे गांव

केचकी में जंगली जानवर के द्वारा हमला करने के बाद कई लोगों ने मॉर्निंग वॉक को बंद कर दिया है. बड़ी संख्या में लोग सवेरे मॉर्निंग वॉक पर निकल जाया करते थे लेकिन तेंदुआ को लेकर खौफ बना हुआ है. सुबह केचकी स्टेशन पर ट्रेन पकड़ कर कोचिंग करने जाने वाले विद्यार्थी भी डरे सहमे हुए हैं. कई लोगों ने सुबह ट्रेन से कोचिंग जाना बंद कर दिया है. शाम ढलते ही खेल के मैदान में रहने वाले बच्चे वापस लौट जा रहे हैं यह कहते हुए कि बाघ आ जाएगा. इतना ही नहीं कई मजदूर जो सुबह ट्रेन से काम करने के लिए मेदनीनगर अथवा अन्यत्र जाते थे उन लोगों ने भी ट्रेन पकड़ना बंद कर दिया है. शाम ढलते ही लोग घरों में पूरी तरह से कैद हो जा रहे हैं. इधर कई फेरीवाले जो कबाड़ा सहित अन्य सामानों की खरीदारी करते थे अथवा घरेलू सामानों की बिक्री करते थे उन्होंने भी जंगल क्षेत्र के गांव में जाना छोड़ दिया है. कुटमू मोड़ पर करीब एक दर्जन से अधिक लोग पश्चिम बंगाल से आकर रहते थे .

बेतला पार्क के बाहर कहीं भी नहीं मिला है तेंदुआ होने का प्रमाण

वैसे तो कई जगहों पर तेंदुआ होने का अफवाह फैलाया जा रहा है. लेकिन कहीं भी तेंदुआ होने का प्रमाण नहीं मिला है.कहीं लकड़बग्घा अथवा सियार देखे जाने पर भी लोग तेंदुआ का अफवाह फैला दे रहे हैं. जिधर जिधर भी तेंदुआ देखे जाने का दावा किया जा रहा है उधर उधर वन विभाग की टीम खाक छान रही है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है.वन विभाग के द्वारा अभी तक कहीं भी जंगल क्षेत्र से बाहर तेंदुआ देखे जाने की पुष्टि नहीं की गयी है. उनका कहना है कि तेंदुआ बेतला नेशनल पार्क में ही देखा जा रहा है. वन विभाग के द्वारा पूरी तरह से इसके लिए तैयारी भी की गयी है.

बरती जा रही पूरी चौकसी

पूरी चौकसी बरती जा रही है और जगह जगह पर लोगों को सावधान रहने की भी सलाह दी जा रही है. पिछले दिनों से सरईडीह में तेंदुआ देखे जाने की खबर पर टाइगर ट्रैकर की टीम वहां पहुंची और पग मार्ग को लेकर उसकी छानबीन में जुटी हुई है. हालांकि उसकी भी तनवा होने की पुष्टि नहीं हुई है. रेंजर शंकर पासवान ने कहा कि अभी तक सिर्फ और सिर्फ बेतला नेशनल पार्क में तेंदुआ देखा गया है. जंगल से बाहर तेंदुआ देखे जाने के बाद लोगों के द्वारा कही जा रही है लेकिन उस दावा में कितना दम है इसकी पड़ताल जारी है. इधर एक बस चालक के द्वारा भी टिकुलिया पत्थर के आसपास तेंदुआ देखे जाने की बात कही गयी है.

शूटर नवाब शपथ अली खान ढूंढ रहे हैं तेंदुआ

पिछले दिनों गढ़वा में हुई लगातार तीन बच्चों की तेंदुआ के द्वारा मारे जाने की पुष्टि होने के बाद शूटर नवाब शफत अली खान को बुलाया गया है. उनकी टीम के द्वारा रमकंडा व भंडरिया के जंगलों में छानबीन की जा रही है. तेंदुआ को पकड़ने के लिए जहां ऑटोमेटिक पिंजरा लगाया गया है.वही जगह-जगह पर कैमरा ट्रैप भी लगाया गया है. विशेषज्ञों के द्वारा 24 घंटे निगरानी की जा रही है लेकिन अब तक तेंदुआ को नहीं देखा गया है. इसलिए जब तक तेंदुआ को पकड़ा नहीं जाता लोगों में खौफ खत्म होना नामुमकिन लगता है.

कुछ लोगों के अनुसार रमकंडा व भंडरिया क्षेत्र में तेंदुआ घूमने की बात कही जा रही है. इस बीच पलामू टाइगर रिजर्व से सटे बेतला नेशनल पार्क के आसपास के इलाकों में भी तेंदुआ होने की भ्रामक खबर फैल गयी है. सतबरवा में भी अफवाह फैला है.इस कारण वन विभाग पूरी तरह से कन्फ्यूजन में है.

मानव की रक्षा सर्वोपरि, 24 घंटे सतर्क रहे वन विभाग कर्मी : विधायक

विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि जंगल क्षेत्र से सटे गांव में अचानक जंगली जानवरों के हमले की घटना निश्चित रूप से चिंताजनक है.ऐसे में सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. हाल के दिनों में जो अप्रिय घटनाएं हो रही हैं इसे देखते हुए वन विभाग को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. पेट्रोलिंग गश्ती को बढ़ाने के साथ-साथ सूचना तंत्र को भी मजबूत करने की बात कही गयी है. वन विभाग के कर्मियों को भी इसके लिए आधुनिक तकनीकी से लैस किया जाएगा.जंगल क्षेत्र से सटे गांव के लोगों को जंगली जानवरों से किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचे इसके लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. मानव की रक्षा सर्वोपरि है. इसलिए जान माल की क्षति न हो इसकी सुरक्षा के लिए वन विभाग को सदैव तत्पर रहना चाहिए. विधायक ने आगे कहा कि यह सौभाग्य की बात भी है कि पलामू टाइगर रिजर्व में कई जंगली जानवर मौजूद हैं इसलिए उनका संरक्षण भी जरूरी है. इसलिए लोगों को पूरे सतर्क रहने की जरूरत है.

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अफवाह से रहें दूर, विभाग की है पैनी नजर : डायरेक्टर

पलामू टाइगर रिजर्व के फिल्ड डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने कहा कि सभी जगह तेंदुआ आने का अफवाह फैलाया जा रहा है . इधर-उधर सभी जगहों पर तेंदुआ होने की अफवाह से वन विभाग को कन्फ्यूजन हो सकता है. संभवत कुछ लोग इसे साजिश के तहत भी इस तरह के अफवाह फैला रहे हैं.इससे लोगों को पूरी तरह सावधान रहने की जरूरत है. जिस जगह पर तेंदुआ होने की सूचना मिल रही हैं उस जगह पर वन विभाग की टीम पूरी सतर्कता के साथ छानबीन में जुटी हुई है. लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. कहीं भी यदि किसी तरह के संदिग्ध जंतु दिखाई दे तो तुरंत इसकी सूचना वन विभाग के पदाधिकारियों को दें. वैसे वन विभाग के पदाधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. गढ़वा में तेंदुआ के द्वारा तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. अन्य जगहों पर छानबीन चल रही है.

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अफवाह अधिक हकीकत कम: डीएस श्रीवास्तव

वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉक्टर डी एस श्रीवास्तव ने कहा कि हाल के दिनों में वन्य प्राणियों के द्वारा मानव पर हमले की लगातार सूचना मिल रही है. इसकी पड़ताल करने पर यह मामला स्पष्ट हो रहा है कि इसमें अफवाह अधिक और हकीकत कम है. कुछ लोगों के द्वारा जानबूझकर अफवाह फैलाया जा रहा है. इस कारण वन विभाग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वर्तमान समय में मानव और वन्य प्राणियों के बीच के संघर्ष बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है ऐसे में सभी लोगों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है. तेंदुआ के द्वारा हमला काफी खतरनाक होता है. लोगों के जीवित बचना मुश्किल है.

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