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छतरपुर में आठ तक काम करेगा पुनर्वास कार्यालय
बटाने जलाशय योजना समन्वय समिति की बैठक मेदिनीनगर : सोमवार को बटाने जलाशय योजना समन्वय समिति की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता उपायुक्त सह समिति के अध्यक्ष अमित कुमार ने की. बैठक में तय किया गया कि बटाने जलाशय योजना से विस्थापित हुए जिन लोगों को अब तक पुनर्वास की राशि नहीं मिली है, उन्हें लंबित […]
बटाने जलाशय योजना समन्वय समिति की बैठक
मेदिनीनगर : सोमवार को बटाने जलाशय योजना समन्वय समिति की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता उपायुक्त सह समिति के अध्यक्ष अमित कुमार ने की. बैठक में तय किया गया कि बटाने जलाशय योजना से विस्थापित हुए जिन लोगों को अब तक पुनर्वास की राशि नहीं मिली है, उन्हें लंबित भुगतान जल्द मिले. इसके लिए मेदिनीनगर के पुनर्वास कार्यालय को आठ मार्च तक छतरपुर अनुमंडल में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया. बैठक में बताया गया कि बटाने जलाशय योजना के क्रियान्वयन से 1047 परिवार विस्थापित हुए हैं, इसमें से 564 परिवारों को विस्थापन के बाद गृह निर्माण के लिए पुनरीक्षित विस्थापन नीति 2012 के तहत राशि का भुगतान किया गया हैं.
483 परिवारों का गृह निर्माण राशि का भुगतान लंबित हैं. इस पर यह तय किया गया कि इस कार्य का निष्पादन हो. इसके लिए पुनर्वास कार्यालय आठ मार्च तक छतरपुर में ही कार्य करेगा. बैठक में बताया गया कि रामगढ़ व सिहानी गाव में भूमि सीमांकन का कार्य लंबित हैं.
इस पर उपायुक्त श्री कुमार ने पुनर्वास, अंचल, राजस्व भू-अर्जन विभाग के साथ समन्वय बनाकर लंबित भूमि सीमांकन के कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया गया. बैठक में छतरपुर के विधायक सह सत्तारुढ़ दल के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि बटाने विस्थापित द्वारा पिछले 15 वर्षों से आंदोलन चलाया जा रहा है. बटाने जलाशय के अंतर्गत गुलाबझरी, नावाडीह, भंडराडीह, दीनादाग,कउव्वल गांव का 750 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाये. साथ ही विस्थापित परिवार के सदस्यों को तृतीय और चतुर्थवर्गीय श्रेणी में नौकरी दी जाये. बैठक में श्री किशोर ने पुनर्वास व जल संसाधन विभाग की लापरवाही का भी मामला उठाया. कहा कि अभी जिस तरह सक्रियता के साथ कार्य हो रहा है, उससे उम्मीद जगी है कि जल्द ही बटाने विस्थापितों की समस्या दूर होगी और बटाने जलाशय योजना का गेट संचालित होगा.
बैठक में पुनर्वास पदाधिकारी द्वारा पुनरीक्षित विस्थापन नीति 2012 के आलोक में गृह निर्माण अनुदान पर लगाये गये रोक के निराकरण के संबंध में चर्चा की गयी. बताया गया कि 17 मार्च 2017 को पुनर्वास विभाग की एक टीम अविभाजित बिहार की अवधि के अनुदान राशि के भुगतान का पूर्ण विवरण प्राप्त करने औरंगाबाद कोषागार जा रही हैं, सभी साक्ष्य एवं अभिलेख प्राप्त करने के बाद गृह निर्माण अनुदान की राशि के भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
बैठक में पति-पत्नी दोनों के विस्थापन घोषित होने के बावजूद एक को ही विस्थापन का लाभ दिया जा रहा है. साथ ही विस्थापित घोषित मृत व्यक्ति के आश्रितों को विस्थापन का लाभ नहीं दिया जा रहा हैं. इस विषय पर समिति ने यह स्पष्ट किया कि विस्थापन की पहचान परिवार के आधार पर की गयी है. पति-पत्नी को एक परिवार के रूप में चिह्नित किये जाने के कारण विस्थापन का लाभ पति या पत्नी में से किसी एक को ही दिया जायेगा. मृत विस्थापित के आश्रितों को विस्थापन का लाभ दिये जाने के संबंध में सभी आवश्यक प्रमाण-पत्र वंशावली व आश्रित होने का साक्ष्य के साथ आवेदन प्राप्त करने का निर्णय लिया गया.
बैठक में बटाने जलाशय योजना से विस्थापन परिवार के लोगो का तृतीय व चतुर्थ वर्गीय पदों पर नियुक्ति का भी मामला उठा. इस मामले में पुनर्वास पदाधिकारी ने बताया कि विस्थापन प्रभावित कुल 10 लोगों को पुनर्वास विभाग में तृतीय व चतुर्थ वर्गीय पदों पर नियुक्त किया गया है. बैठक में बटाने जलाशय पुनर्वास कार्यक्रम के तहत पिछले पांच वर्ष के दौरान प्राप्त राशि का विवरण एक सप्ताह के अंदर समिति को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. बताया गया कि बटाने जलाशय योजना के प्रभावितों को मुआवजा राशि के भुगतान प्रशिक्षण अनुदान तथा पुनर्वास के लिए 94 करोड़ का बजट विभागीय मुख्यालय को भेजा गया हैं.
आवंटन प्राप्त होने के बाद इसी वित्तीय वर्ष में लंबित मामलोंका निष्पादन कर दिया जायेगा. बैठक में उपायुक्त श्री कुमार ने इस कार्य में सक्रियता के साथ काम करने का निर्देश दिया है.
बैठक में छतरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी बंका राम, जिला जन संपर्क पदाधिकारी देवेंद्र नाथ भादुड़ी, अनुमंडल पदाधिकारी राजेश प्रजापति, बटाने जलाशय पुनर्वास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी छतरपुर, जलाशय योजना के तकनीकी व प्राक्कलन पदाधिकारी सहित बटाने जलाशय योजना समन्वय समिति के सदस्य उपस्थित थे.
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