पाटन : अहंकार एक ऐसा रोग है, जो मनुष्य के पतन का कारण बनता है. जो भी अहंकारी हुए हैं, उनका नष्ट अवश्य ही हुआ है. इसलिए लोगों को अहंकार से बचने की जरूरत है. यह बातें प्रवचन के दौरान पाटन के सकलदीपा में दुर्गाबाड़ी परिसर में वाराणसी से पधारे डॉ मदनमोहन मिश्रा ने कही. उन्होंने कहा कि अहंकार का त्याग करने से ही मानव का कल्याण संभव है. काम को ब्रह्मचर्य से जीता जा सकता है, लेकिन ब्रह्मचारी होने का अहंकार होना घातक है. उसी तरह लोभ को दान से जीता जा सकता है, लेकिन दानी होने का अहंकार खतरनाक है. क्रोध को शांति से जीता जा सकता है, लेकिन शांति के दूत होने का अहंकार नुकसानदायक है.
इसलिए हर हाल में लोगों को अहंकार से बचना चाहिए. प्रवचन में मानस कोकिला डॉ सुधा पांडेय ने नारी जीवन में पति सेवा के महत्व को बताया. औरंगाबाद के किशोर पांडेय ने सत्संग की महिमा का बखान किया. बताया कि बिना सत्संग के मनुष्य में ज्ञान नहीं होता है, इसलिए मानव को बुरी संगति को छोडकर सत्संग में रहना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन रामविनय पांडेय ने किया. मौके पर जिप सदस्य मुक्तेश्वर पांडेय, महेंद्र पांडेय, कृष्णा पांडेय, योगेंद्र पांडेय सहित कई लोग मौजूद थे.
