पाकुड़ परिसदन में झारखंड विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति की हुई बैठक प्रतिनिधि, पाकुड़. झारखंड विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति की बैठक शुक्रवार को परिसदन में हुई. अध्यक्षता समिति के सभापति सह जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने की. बैठक में जिले में विभिन्न विभागों से संचालित योजनाओं, सेवा की गारंटी अधिनियम व सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा की गयी. सभापति ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी योजनाओं का समयबद्ध, पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने सेवा की गारंटी अधिनियम से संबंधित सूचना पट्ट सभी कार्यालय परिसरों में लगाने का निर्देश दिया. साथ ही, अधिनियम अंतर्गत दोष सिद्ध या दोषमुक्त मामलों में की गयी कार्रवाई का विस्तृत प्रतिवेदन समिति को उपलब्ध कराने को कहा. आरटीआइ अधिनियम की समीक्षा के दौरान सभापति ने कहा कि आम नागरिकों को सही और समय पर सूचना उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने जिले में आरटीआइ के तहत प्राप्त आवेदनों की संख्या, निष्पादन की स्थिति एवं लंबित मामलों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. कहा कि समिति के गठन के बाद सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुपालन की समीक्षा की जा रही है और जहां कमियां पाई जाएंगी, वहां सुधार के लिए सरकार को ठोस अनुशंसा भेजी जायेगी. बैठक में भू-विरासत (जियो हेरिटेज) संरक्षण के लिए पृथक कानून बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया. सभापति ने कहा कि यदि सरकार जियो हेरिटेज संरक्षण विधेयक लाकर कानून बनाती है, तो राजमहल की पहाड़ियों, विशेषकर साहिबगंज और पाकुड़ क्षेत्र में पाए जा रहे जीवाश्मों पर वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्राचीन जीव-जंतुओं और प्राकृतिक इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आयेंगी. खनन गतिविधियों की समीक्षा के क्रम में सभापति ने कोयला परिवहन में कन्वेयर बेल्ट सिस्टम के उपयोग को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, ताकि सड़क मार्ग से कोयला ढुलाई के कारण होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके. साथ ही, खदानों को प्रदत्त पर्यावरण स्वीकृति एवं अन्य अनुमतियों की शर्तों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा करते हुए उल्लंघन की दशा में की गयी कार्रवाई की जानकारी भी मांगी गयी. सभापति ने निर्देश दिया कि बैठक में जिन बिंदुओं पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है, उनसे संबंधित सभी विवरण उप विकास आयुक्त के माध्यम से 2-3 दिनों के भीतर विधानसभा समिति को उपलब्ध कराए जाएं, ताकि जनहित से जुड़े अधिनियमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके.
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