पाकुड़/पाकुड़िया/महेशपुर : जिले में राष्ट्रीय विकलांगता दिवस के मौके पर प्रखंडस्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा किया गया. नवाचारी गतिविधि के तहत आयोजित प्रखंडस्तरीय प्रतियोगिता में नि:शक्त बच्चों के अलावा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्र छात्राओं ने प्रतिभागी के रूप में हिस्सा लिया.
पाकुड़ प्रतिनिधि के अनुसार, जितादो बालिका उच्च विद्यालय प्रांगण में आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी गोविंद शर्मा ने किया.
आयोजित प्रतियोगिता के सौ मीटर दौड में बालक वर्ग में सुबा पहाड़िया, कांति मरांडी, सुप्रम मरांडी, बालिका वर्ग में मंदाकनी टुडू, अनिता मरांडी, सोनाती बास्की, सुई धागा दौड़ में टूम्पा रविदास, मुन्नी मरांडी, लुखीमुनी, तीन पैर दौड़ में स्टीफन सोरेन, दसमता बबलू हांसदा, दो मीटर बालक दौड़ में बबलू हांसदा, सिकंदर मरांडी, जोसेफ मुमरू, बालिका वर्ग में मिनोती मरांडी, मीनी मुमरू, रेखा तूरी, म्यूजिकल चेयर में मंजू सोरेन, मंदाकनी टूडू, ग्रेसी मुमरू, चम्मच दौड में लीली टुडू, सुनीता तूरी, शिल्पा पहाड़िया क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय सफल प्रतिभागी के रूप में चयनित किये गये.
प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी श्री शर्मा ने सफल प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र का वितरण किया. प्रतियोगिता को सफल बनाने में गणोश भगत, अमृत ओझा, ऋषि रंजन सिन्हा आदि सक्रिय दिखे.
महेशपुर प्रतिनिधि के मुताबिक गडबाडी संकुल संसाधन केंद्र परिसर में विकलांग सहित अनुसूचित जाति एवं जनजाति बच्चों के बीच खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. विकलांग बच्चों के बीच रंगोली, चित्रंकन एवं सामान्य बच्चों के बीच दौड़, म्यूजिकल चेयर आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी. प्रतियोगिता का उद्घाटन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी पुण्डेरी बाई ने किया.
सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया. प्रतियोगिता को सफल बनाने में अमित कुमार, अल्फ्रेड उज्जवल मरांडी आदि सक्रिय दिखे. पाकुड़िया प्रतिनिधि के मुताबिक, प्रखंड संसाधन केंद्र द्वारा नि:शक्त एवं सामान्य बच्चों के बीच नावाचारी गतिविधि के तहत खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
नि:शक्त बच्चों के बीच बिस्कूट दौड़, रंगोली एवं चित्रंकन तथा सामान्य बच्चों के बीच दौड़ आदि आयोजित किये गये. सफल प्रतिभागियों को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सर्किल मरांडी ने पुरस्कृत किया. प्रतियोगिता को सफल बनाने में बृणाल सोरेन, अज्ञांता ओझा के अलावे सीआरपी, बीआरपी आदि सक्रिय दिखे.