लोहरदगा. डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ी जाति पदाधिकारी, कर्मचारी संघ एवं आंबेडकर विचार परिषद, लोहरदगा की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन समाहरणालय मैदान लोहरदगा के समीप किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत उपायुक्त डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्ण, पुलिस अधीक्षक हारिस बिन जमां समेत अन्य पदाधिकारियों/कर्मियों ने डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया. मौके पर उपायुक्त ने कहा कि आज के बच्चे डॉ भीमराव आंबेडकर जैसे महामानव के विचारों से प्रभावित हो रहे हैं और उनसे प्रेरित भी हो रहे हैं. बाबा साहेब ने यह शिक्षा दी थी कि शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो. बच्चे इस बात को समझें कि सबसे पहले पढ़ाई, फिर कोई काम. शिक्षा छोड़ कर कोई विचार मत कीजिए. ना कमाने का विचार कीजिए, ना किसी संगठन से जुड़ने का विचार कीजिए. पहले अपनी जीवन का 20-25 वर्ष पढ़ाई में लगाइए. बाबा साहेब एक समय में शिक्षा के लिए विदेश में जाना चाहते थे, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे. उस समय बड़ौदा के महाराज सयाजी गायकवाड़ ने स्कॉलरशिप दी, जिससे वे विदेश जा सके. उपायुक्त ने सभी से अपील की कि जो बच्चे आपके आस-पास पढ़ाई करनेवाले हैं या अच्छी शिक्षा लेना चाहते हैं, उन्हें अवश्य मदद दें. वे आपको जीवनभर याद रखेंगे. आज बाबा साहेब को याद करने का दिन है ना सिर्फ उनके विचारों को हमेें अपनाना है, बल्कि संविधान में कही गयी बातों को भी अपनाना है. कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हमें बाबा साहेब के शिक्षा और समर्पण के बारे जानना चाहिए. आंबेडकर एक दिन की कैद में आनेवाले व्यक्ति नहीं है. आप सभी उनकी दी हुई शिक्षा को याद करें और समाज में एक ऐसी मिसाल कायम करें, जो कि सभी के लिए अनुकरणीय हो. इस अवसर पर विभिन्न कला दलों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में बच्चों ने डॉ भीमराव आंबेडकर के ऊपर निबंध लिखा गया, जिसके विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया.
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