लोहरदगा. जिले में पिछले दो दिन से दोपहर बाद हो रही बेमौसम बारिश और तेज आंधी ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. अचानक मौसम बदलाव से जिलेवासियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, खासकर किसानों को. मंगलवार को हुई बेमौसम बरसात और आंधी-तूफान से कई स्थानों पर पेड़ गिर गये, वहीं कई घरों के छप्पर भी उड़ गये, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बुधवार को भी दोपहर दो बजे के बाद आंधी, पानी और तूफान के साथ बेमौसम बारिश शुरू हुई, जो शाम सात बजे तक जारी रही. इस बारिश से खेतों में लगी फसलों को, विशेषकर सब्जियों की खेती को, सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. किसानों ने बताया कि तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि होने से टमाटर, मिर्च, कद्दू, बीन्स, बैगन सहित अन्य सब्जियों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. खेतों में पानी जमा होने से फसलें सड़ने लगी है. गरीबों के आशियाने उजड़े आंधी-तूफान ने दर्जनों गरीब परिवारों को बेघर कर दिया है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. हालांकि, इस बारिश से एक राहत भी मिली है: जिले में जल स्तर में वृद्धि हुई है. तालाब और कुएं जो सूख चुके थे, उनमें पानी आ गया है और नदी-नालों में भी जल प्रवाह पुनः चालू हो गया है. इससे पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों को काफी राहत मिली है. बावजूद इसके, किसानों और गरीबों के उजड़े आशियाने और बर्बाद हुई फसलों से लोग काफी परेशान हैं। वे सरकार से उचित मुआवजे और मदद की उम्मीद कर रहे हैं ताकि वे इस प्राकृतिक आपदा से उबर सकें।
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