लोहरदगा़ भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री, महान स्वतंत्रता सेनानी और प्रख्यात शिक्षाविद मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर मंगलवार को बीएस कॉलेज लोहरदगा में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस गरिमापूर्ण एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ शशि कुमार गुप्ता ने की. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और मौलाना आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया. इस मौके पर प्राचार्य डॉ गुप्ता ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने स्वतंत्र भारत में शिक्षा की मजबूत नींव रखी. उन्होंने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण, समानता और आत्मनिर्भरता का सबसे प्रभावी माध्यम बताया. शिक्षा को केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि समाज के विकास का आधार बनाना चाहिए. डॉ अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि मौलाना आजाद का जीवन भारतीय शिक्षा प्रणाली का मार्गदर्शक है. उन्होंने शिक्षा को मानवता और नैतिकता से जोड़ा, जिससे आधुनिक भारत की बौद्धिक नींव मजबूत हुई. प्रो पुष्पा कुमारी ने कहा कि मौलाना आजाद ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का औजार माना और महिला शिक्षा को विशेष महत्व दिया. प्रो राधेश्याम ने कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य विवेक, अनुशासन और राष्ट्र प्रेम का विकास करना है. प्रो पन्ना ने कहा कि मौलाना आजाद ने शिक्षा को केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मबल और सामाजिक जिम्मेदारी का साधन बताया. उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि शिक्षित समाज ही सशक्त समाज होता है. कार्यक्रम का संचालन डॉ अजय नाथ शाहदेव ने किया. अंत में दिल्ली में हुए बम विस्फोट में मारे गये निर्दोष लोगों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. मौके पर डॉ संतोष शांडिल्य, डॉ सुमन कुजूर, डॉ रोशन खलखो, प्रो सरिता कच्छप, प्रो.आनंद मांझी, प्रो अर्जुन लकड़ा, प्रो सतीश तिर्की, प्रो सत्यनारायण उरांव, डॉ दीपमाला, प्रो मनोहर शिक्षकेत्तर कर्मी और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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