नदी, चुआं व तालाब का दूषित पानी पीने को विवश है ग्रामीण
सिंचाई साधन नहीं होने से रोजगार के लिए ग्रामीण कर रहे पलायन
कुड़ू(लोहरदगा) : प्रखंड के अति पिछड़े सलगी पंचायत में चार जून को मुख्यमंत्री रघुवर दास के आगमन को देखते हुए जिला प्रशासन तैयारी में लगा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सीएम के आगमन से सलगी गांव समेत इस पंचायत की तस्वीर बदलेगी. इस पंचायत के कई गांवों में मूलभूत सुविधा के नाम पर कुछ भी नही है. सलगी में चल रहे मध्य विद्यालय को अपग्रेड करते हुए उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया. लेकिन आज तक शिक्षको की बहाली नहीं हुई है. इस स्कूल में दो सरकारी शिक्षक महड़े उरांव एंव बैजनाथ प्रजापति, तीन पारा शिक्षक शारदा देवी, देवंती देवी एंव हीरामनी पनना कार्यरत हैं. सलगी मध्य विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या 540 है, इसके अलावा हाइस्कूल में लगभग एक सौ बीस छात्र-छात्राएं हैं.
सरकारी व पारा शिक्षक मध्य विद्यालय के बच्चों को पढ़ायें या हाइस्कूल के बच्चों को, शिक्षक हमेशा दुविधा में रहते हैं. हाइस्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए चार किराये के शिक्षक रखे गये हैं. एक अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र है जहां एक चिकित्सक और दो एएनएम के पद है. चिकित्सकों के नहीं होने से ग्रामीण झोला छाप चिकित्सक के शरण मे जाने को विवश है. पेयजल के लिए गांव मे पीएचईडी की ओर से दो दर्जन से ज्यादा चापाकल लगाया गया है. आधे चापाकल मामूली खराबी के कारण बेकार पड़े हैं. इस वजह से सलगी पंचायत के चुल्हापानी , नामुदाग , जवरा , असनापानी , मसियातू , खम्हार के लोग नदी, चुआं व तालाब का दूषित पानी पीने को विवश हैं.
प्रखंड मुख्यालय से सलगी को जोड़ने के लिए एक मात्र सड़क है. कुड़ू से बंदुवा मोड़ तक सड़क बनी लेकिन जर्जर है. बंदुवा मोड़ से लगभग सात किलोमीटर सलगी पंचायत भवन तक सड़क के नाम पर केवल गड्ढे बचे है. वर्षा होने के बाद सड़क तालाब में तब्दील हो गया है. ग्रामीणो को प्रखंड मुख्यालय आने में भारी परेशानी होती है. गांव के ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर हैं लेकिन सिंचाई के साधन नहीं होने के कारण रोजगार के लिए पलायन कर जाते हैं. सलगी के ग्रामीणों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने केवल आश्वासनों की खुराक दी है. अब सीएम रघुवर दास के आगमन से यहां के ग्रामीणों को गांव के हालत में सुधार होने का भरोसा है.