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यह धरती वीरों की धरती है : उपायुक्त

शहीद घामा उरांव की पत्नी को डीसी ने सम्मानित किया 20 हजार रुपये का चेक प्रदान किया और उन्हें शॉल ओढ़ाया लोहरदगा : झारखंड की यह धरती वीरों की धरती है. यहां से बड़ी संख्या में युवक सेना में जाते हैं और देश की सेवा करते हैं. यहां के जवानों ने अपनी शहादत देकर मातृभूमि […]

शहीद घामा उरांव की पत्नी को डीसी ने सम्मानित किया
20 हजार रुपये का चेक प्रदान किया और उन्हें शॉल ओढ़ाया
लोहरदगा : झारखंड की यह धरती वीरों की धरती है. यहां से बड़ी संख्या में युवक सेना में जाते हैं और देश की सेवा करते हैं. यहां के जवानों ने अपनी शहादत देकर मातृभूमि की रक्षा की है.
उक्त बातें डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने वीर चक्र से सम्मानित शहीद सूबेदार घामा उरांव की पत्नी शीलमंती को चेक सौंपते हुए कही. डीसी ने कहा कि लोहरदगा के बदला पंचायत के गोबरसेला गांव निवासी सूबेदार घामा उरांव ने ऐसी मिसाल कायम की, जिसे आज भी याद किया जाता है.
यह घटना 1989 की है. वे शांति मिशन पर श्रीलंका में तैनात थे. उन दिनों श्रीलंका गृह युद्व से जूझ रहा था. भारतीय फौज श्रीलंका गयी थी, इसमें घामा उरांव भी थे. इसी अभियान के दौरान घने जंगल में चार लड़ाकों ने उन पर हमला कर दिया था. घामा ने बहादुरी से उनका सामना किया और सभी लड़ाकों को मार गिराया. इसी क्रम में उन्हें गोली लगी और वे गंभीर रूप से घायल हो गये.
उस समय उनकी उम्र सिर्फ 21 साल थी. 26 जनवरी 1991 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरामन ने उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया, परंतु होनी को कुछ और मंजूर था. वर्ष 2007 में कश्मीर के जमीला पोस्ट पर आतंकवादियों से लोहा लेते हुए सूबेदार घामा उरांव शहीद हो गये. डीसी ने शहीद सूबेदार घामा उरांव की पत्नी शीलमंती को प्रभात खबर की ओर से सीसीएल द्वारा दिये गये 20 हजार रुपये का चेक प्रदान किया और उन्हें शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया. डीसी ने कहा कि प्रभात खबर ने देश के ऐसी विभूतियों को सामने लाकर सम्मानित किया है.
ये बड़ी खुशी की बात है. प्रभात खबर ने झारखंड के शौर्य पुरस्कार विजेताओं की दास्ता शौर्य गाथा के नाम से प्रकाशित कर ऐसे सपूतों को वीरता की कहानी सामने लायी है. इसके लिए प्रभात खबर बधाई का पात्र है. उपायुक्त ने शहीद की पत्नी को हर संभव मदद की बात कही. उनके परिवार के बारे में पूछा, गांव का हाल चाल लिया और उन्हें सम्मान के साथ विदा किया. इस मौके पर डीडीसी दानियल कंडुलना, डीआइओ वीरेंद्र कुमार, आईडीबीआइ बैंक के मैनेजर मनीष श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.
भावुक हो गयी थीं शहीद की पत्नी शीलमंती
उपायुक्त के हाथों सम्मानित होने के बाद शहीद सूबेदार घामा उरांव की पत्नी शीलमंती भावुक हो गयीं. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर ने उन्हें बहुत सम्मान दिया है. रांची में मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के हाथों हमें सम्मानित कराया गया. जिले में उपायुक्त ने हमें सम्मानित किया. ये मेरे लिए बड़ी बात है.
शीलमंती ने कहा कि उनके पति वर्ष 2007 में दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे. उसके बाद से उन्हें पूछने वाला कोई नहीं था लेकिन प्रभात खबर ने उन्हें ढूंढ कर उनके पति की वीरता को जन जन तक पहुंचाया. प्रभात खबर के प्रयास से आज उनके पति की वीरता को लोग जान रहे हैं. शीलमंती ने कहा कि मुझे अपने पति पर गर्व है. देश सेवा करते हुए उन्होंने अपना बलिदान कर दिया.
उनके जाने का गम तो मुझे अंतिम समय तक रहेगा , लेकिन मैं अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर उनका भविष्य बना रही हूं. बच्चे भी अपने पिता की वीरता की कहानी सुनते हैं और उन्हें भी गर्व होता है. शीलमंती ने कहा कि प्रभात खबर परिवार ने मुझे काफी सम्मान दिया, साहस दिया और एक नयी पहचान भी दी.
िबहार रेजीमंेट में बहाली हुई थी
लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड के गोबरसेला गांव निवासी घामा उरांव का जन्म 5 फरवरी 1968 को हुआ था. उनका बचपन अभाव में गुजरा. वे पढ़ लिख कर सेना में जाना चाहते थे. आर्मी की बहाली प्रक्रिया में आवेदन दिया और वे सेना के लिए चुन लिये गये. चार बिहार रेजीमेंट में उनकी बहाली हुई.

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