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नदिया हिंदू उवि की स्थिति जजर्र

शहर का सबसे पुराना विद्यालय है 1931 में हुई थी स्थापना विद्यालय की दीवारों में कई जगहों पर दरारें पड़ गयी है लेाहरदगा :नदिया हिंदू प्लस टू उच्च विद्यालय की स्थापना 1931 में हुई है. इसकी स्थापना क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा देने के उद्देश्य से किया गया. लेकिन वर्तमान समय मे विद्यालय की […]

शहर का सबसे पुराना विद्यालय है 1931 में हुई थी स्थापना
विद्यालय की दीवारों में कई जगहों पर दरारें पड़ गयी है
लेाहरदगा :नदिया हिंदू प्लस टू उच्च विद्यालय की स्थापना 1931 में हुई है. इसकी स्थापना क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा देने के उद्देश्य से किया गया. लेकिन वर्तमान समय मे विद्यालय की स्थिति बदतर होती जा रही है.
स्वीकृत पद के अनुरूप नहीं हैं शिक्षक: नदिया हिंदू उवि में शिक्षकों का स्वीकृत पद 24 है, जबकि यहां मात्र दस शिक्षक पदस्थापित हैं. विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्रओं की संख्या 800 है. प्लस टू की पढ़ाई विद्यालय में सुचारु रूप से चल रहा है. परिणाम भी बेहतर है. प्लस टू में शिक्षकों की कमी नहीं है. प्लस टू मे दो संकायों की पढ़ाई होती है. जिसमें 400 विद्यार्थी नामांकित हैं. नदिया हिंदू उवि जजर्र अवस्था में है. विद्यालय में कई स्थानों पर दीवारों में दरारें आ गयी है. यहां सबसे अधिक परेशानी बरसात में होती है. इस विद्यालय में 2007 मे शिक्षा विभाग ने दस सेट कंप्यूटर दिया, लेकिन शिक्षक के अभाव मे कंप्यूटर की क्लास शुरू नहीं हुई. विद्यालय में प्रयोगशाला भी काम चलाऊ है.
विद्यालय में चहारदीवारी नहीं रहने के कारण यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. विद्यालय प्रबंधन द्वारा प्लस टू की पढ़ाई हेतु भवन निर्माण की मांग व विद्यालय की मरम्मत की मांग पूर्व में ही की गयी है, पर आज तक न तो नये भवन की स्वीकृति मिली और न ही मरम्मत की राशि. विद्यालय में एक भी रात्रि प्रहरी नहीं है. चार आदेशपाल के स्थान पर दो आदेशपाल कार्यरत है. विद्यालय साइकिल शेड नहीं होने के कारण स्कूली छात्रों को साइकिल खड़ी करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
छात्रवास में रहने वाले विद्यार्थियों को परेशानी: विद्यालय के संचालन के साथ ही यहां 1931 में छात्रवास भी बनाया गया. छात्रवास में रह कर विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. 30 कमरे वाले छात्रवास में वर्तमान समय में 70 विद्यार्थी रह कर पढ़ाई कर रहे हैं. छात्रवास मे रहने वाले विद्यार्थी भी परेशानी का सामना कर रहे हैं. छात्रवास जजर्र अवस्था में है. छात्रवास की मरम्मत 15 वर्षो से नहीं करायी गयी है. छात्रवास में रह रहे विद्यार्थियों के लिए शौचालय बनाया गया था, जो धंस गया. जिससे विद्यार्थियों को खुले में शौच जाना पड़ रहा हैं.
पैसे के अभाव में मरम्मत नहीं हो रहा है : इंचाजर्
इस संबंध में पूछे जाने पर छात्रवास इंचार्ज फूल चंद आईंद का कहना है कि छात्रवास की मरम्मत के लिए राशि का अभाव है. विभाग द्वारा मरम्मत के नाम पर इतनी कम राशि भेजी जाती है कि उससे आधे कमरों का भी मरम्मत नहीं कराया जा सकता है.

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