लातेहार ़ गुरुवार को जिले में अक्षय नवमी का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने जिला मुख्यालय के पूर्व दिशा में स्थित तापा पहाड़ी पर आंवला पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन मां लक्ष्मी ने पृथ्वी लोक में भगवान विष्णु एवं भगवान शिव की पूजा आंवले के रूप में की थी और इसी पेड़ के नीचे बैठकर भोजन ग्रहण किया था. इसलिए इस दिन को आंवला नवमी भी कहा जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा का विशेष धार्मिक महत्व होता है. लातेहार के कई घरों में महिलाओं ने आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर कथा सुनी और परिवार के कल्याण की प्रार्थना की. बजरंग देव सेवा संस्थान के संस्थापक त्रिभुवन पांडेय ने बताया कि आंवला पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किये गये दान-पुण्य और पूजा-पाठ का फल अक्षय होता है, अर्थात कभी समाप्त नहीं होता. महिलाओं द्वारा यह पूजा करने से संतान सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. अक्षय नवमी पर लोगों ने गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन व वस्त्र दान किये. ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस पर्व को पारंपरिक रीति-रिवाजों और भक्ति भाव के साथ मनाया गया. लोगों ने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना और लोकगीत गाया. कई परिवारों ने आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है. इस मौके पर तापा पहाड़ और झरिया डैम क्षेत्र में भक्तों की भारी भीड़ देखी गयी. ठेला और खोमचा की दुकानों से पूरा क्षेत्र मेले जैसा माहौल प्रस्तुत कर रहा था.
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