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प्रकृति व कुदरत का नजारा देखना है, तो आयें सुग्गा बांध
लातेहार-चंदवा : लातेहार : हरी भरी वादियां, ऊंचे-नीचे पर्वत, जंगलों में महुआ व पलाश की खुशबू यह एक छोटा सा परिचय है लातेहार जिला है. कहना गलत नहीं होगा कि प्रकृति ने लातेहार को फुर्सत से संवारा है. इसकी प्राकृतिक सुंदरता को शब्दों में समेटना मुश्किल है. लातेहार में राष्ट्रीय स्तर के नेतरहाट व बेतला […]
लातेहार-चंदवा : लातेहार : हरी भरी वादियां, ऊंचे-नीचे पर्वत, जंगलों में महुआ व पलाश की खुशबू यह एक छोटा सा परिचय है लातेहार जिला है. कहना गलत नहीं होगा कि प्रकृति ने लातेहार को फुर्सत से संवारा है. इसकी प्राकृतिक सुंदरता को शब्दों में समेटना मुश्किल है.
लातेहार में राष्ट्रीय स्तर के नेतरहाट व बेतला जैसे रमणिक स्थल हैं. लेकिन कई स्थल ऐसे भी है, जिसकी खूबसूरती अन्य किसी से कम भी नहीं. उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जा सका है.
ऐसा ही एक स्थल है, जिले के महुआडांड़ प्रखंड स्थित सुग्गा बांध (जल प्रपात). तकरीबन 100 फीट की उच्चाई से गिरता पानी लोगों के दिलों में रोमांच पैदा करता है. सुनसान व विरान स्थल पर स्थित इस बांध में गिरते पानी की आवाज दूर से ही सुनायी पड़ती है.
सुग्गा बांध आने का रास्ता
बेतला व नेतरहाट के बीच महुआडांड़ से 28 किलोमीटर व बारेसाढ़ थाना से सात किलोमीटर की दूरी पर यह जल प्रपात स्थित है. बेतला नेशनल पार्क से इसकी दूरी लगभग 50 किमी है.
यहां निजी वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है. अपने अंदर पर्यटन असीम संभावना समेटे सुग्गा बांध चारों ओर ऊंची पहाड़ियों से घिरा है. तकरीबन 100 फीट की ऊंचाई से पानी की अविरल धारा चट्टानों पर गिरता है.
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