मेघातरी पंचायत के एक गांव पर फ्लोरोसिस का प्रकोप
विकास
कोडरमा : कहते हैं जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, पर राज्य के कुछ जगहों की तरह कोडरमा का भी एक हिस्सा ऐसा है, जहां जल जीवन नहीं, बल्कि जहर बन लोगों की खुशियां छीन रहा है. रांची-पटना नेशनल हाइवे से बमुश्किल एक किलोमीटर अंदर प्रखंड के मेघातरी पंचायत का गांव है करहरिया.
वैसे तो प्राकृतिक सौंदर्य इस गांव को तोहफे में मिली है, गांव के पिछले हिस्से में पहाड़ी और पेड़ पौधों की हरियाली देख कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है कि यहां के लोग अपनी जिंदगी को बोझ समझते होंगे. 70 घर के इस गांव की आबादी तो मुश्किल से 500 के आसपास है, लेकिन यहां के पानी में फ्लोराइड व आयरन की मात्रा अधिक होने से लोग नि:शक्त बन रहे हैं.
प्रभात खबर की टीम ने इस गांव का दौरा किया, तो लोगों की समस्या के साथ ही प्रशासनिक दावे की हकीकत भी सामने आयी. जानकार बताते हैं कि प्रशासनिक उदासीनता का यह हाल रहा, तो आनेवाले समय में करहरिया गांव की स्थिति और भयावह हो सकती है. जानकारी के अनुसार इस गांव में निकलने वाले फ्लोराइड युक्त व अधिक आयरन की मात्रा का पानी पीना लोगों की मजबूरी बन गयी है. इस पानी को पीने से कई लोग नि:शक्त हो गये हैं. यहीं नहीं इस तरह का पानी पीने से लोगों में नाटा पन भी देखा जा रहा है.
किसी का कद छोटा होता है, तो किसी का पैर छोटा. पानी इस तरह होने से यहां कोई अपनी बेटी या बेटा का विवाह भी नहीं करना चाहता. ग्रामीणों की मानें तो शादी-ब्याह करने में भी भारी फजीहत व परेशानी का सामना करना पड़ता है. इधर, समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है और प्रशासन अलग योजना को धरती पर उतारने कीतैयारी की बात कह रहा है. पीएचइडी विभाग की मानें तो जल्द ही मेघातरी पंचायत में पानी टंकी व ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जायेगा.
ऐसे-ऐसे मामले
केस-स्टडी-1: प्रभात खबर की टीम ने प्राथमिक विद्यालय करहरिया के पास दूसरी कक्षा की छात्रा संगीता से नि:शक्ता के बारे में पूछा तो वह कुछ भी बताने से इनकार कर गयी. सिर्फ इतना कहा, बहुत परेशानी होती है इस तरह. यहीं पर एक युवक लाठी लेकर चलते मिला, नाम था शंकर दास. हमने इसका कारण पूछा तो कुछ बोल नहीं पाया. ग्रामीणों ने बताया ये नि:शक्त होने के साथ ही गूंगा भी है. पानी पीने के कारण इसे इस तरह की समस्या हो गयी है.
केस स्टडी-2: खराब पानी पीने का अनुवांशिक असर भी लोगों पर दिखा. गांव में मंजू देवी नाम की महिला मिली. पूछने पर बताया कि उसकी शादी ढाब में हुई, पर शादी के बाद उसे जो बच्ची हुई, वह नि:शक्त पैदा हुई. तीन वर्षीय सोनिया कुमारी मां की गोद में थी. उसे इस बात का एहसास भी नहीं है कि वह आगे चल कर दौड़ नहीं पायेगी.
करहरिया में ये लोग हैं नि:शक्त
स्थानीय ग्रामीण राजेंद्र सिंह, लक्ष्मण सिंह के अनुसार प्राथमिक विद्यालय करहरिया में कक्षा द्वितीय की छात्रा संगीता कुमारी (पिता विजय सिंह), 18 वर्षीय जितेंद्र (पिता- लक्ष्मण सिंह), वीरेंद्र सिंह (पिता- कैलू सिंह), चैती देवी (पति- फगून सिंह), तीन वर्षीय सोनिया कुमारी (पिता- अशोक सिंह), 50 वर्षीय लीलवा देवी (पति- लक्ष्मण सिंह), पांच वर्षीय पूजा कुमारी (पिता- भुनेश्वर सिंह), सोमा सिंह की आठ वर्षीय पुत्री समेत कई लोग नि:शक्ता के शिकार हैं. इसके अलावा गांव का शंकर दास नि:शक्त होने के साथ ही मूक बधिर है.
बेखबर सरकार, उदासीन प्रशासन
मेघातरी पंचायत के करहरिया गांव की पानी की समस्या आज तक बड़ा राजनीतिक मुद्दा नहीं बना. यहां वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है. हां, लोग इतना जरूर बताते हैं कि चुनाव के समय नेता आते हैं, पानी की समस्या का समाधान करने का आश्वासन देते हैं, पर कोई समाधान नहीं होता. एक तरफ सरकार बेखबर है, तो दूसरी तरफ जिला प्रशासन उदासीन.
लोगों ने बताया कि गांव में करीब चार-पांच साल पहले पानी फिल्टर कर पीने के लिए तीन फिल्टर मशीन जगह-जगह सरकारी चापाकल में लगाया गया था. शुरुआत में लोगों ने फिल्टर का पानी पिया, पर बाद में फिल्टर मशीन खराब होने लगे. वर्तमान में हाल यह है कि तीनों फिल्टर मशीन खराब हैं. लोगों ने इसकी जानकारी समय-समय पर स्थानीय प्रतिनिधियों के अलावा सरकारी महकमे को भी दी, पर आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ.
गांव के लक्ष्मण सिंह ने बताया कि करीब एक वर्ष पहले कोई आया था, जो पानी का सैंपल ले गया था. कहा गया था, पानी का सैंपल जांच के लिए मुंबई जायेगा. इसके बाद कुछ व्यवस्था की जायेगी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. लोगों की मांग है कि समस्या को देखते हुए तत्काल कोई व्यवस्था होनी चाहिए.
डाॅक्टर की राय
फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से हड्डी व ब्रेन पर होता है असर : डाॅ नरेश पंडित
फ्लोराइड युक्त पानी पीने से होनेवाले असर के बारे में पूछे जाने पर प्रसिद्व डाॅ नरेश पंडित ने बताया कि फ्लोराइड की अधिकता इनसान के हड्डी पर अधिक असर डालता है. इससे नि:शक्ता की संभावना अधिक बन जाती है. यहीं नहीं फ्लोराइड युक्त पानी पीने से इनसान के ब्रेन पर भी असर हो सकता है. उन्होंने बताया कि पानी में आयरन की मात्रा अधिक होने से दांत से संबंधित समस्या भी हो सकती है.
बन रही है जलापूर्ति योजना : एइ
करहरिया गांव में पानी की समस्या के संबंध में पूछे जाने पर पीएचइडी के असिस्टेंट इंजीनियर (एइ) सुशील कुमार ने बताया कि इस जगह पर पानी का सैंपल लेने के लिए राज्य की टीम आयी थी.
सैंपल जांच में फ्लोराइड की मात्रा अधिक मिली है. ऐसे में स्थायी समाधान को लेकर विभाग अलग से तैयारी कर रहा है. उन्होंने बताया कि करीब चार करोड़ की लागत से जलापूर्ति योजना का धरातल पर उतारने की तैयारी है. इसमें पानी टंकी के साथ ही शुद्ध जल को लेकर ट्रीटमेंट प्लांट भी शामिल होगा. उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए स्थानीय मुखिया से 10 से 15 डिसमिल जमीन की मांग की गयी है. जमीन उपलब्ध होने के साथ ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.