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झारखंड बंद का खूंटी और कर्रा में व्यापक असर

केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली के समीप रैंप निर्माण के विरोध और आदिवासी समुदाय से जुड़ी विभिन्न मांगों के समर्थन में बुधवार को आहूत झारखंड बंद का खूंटी और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक असर देखा गया.

सरना संगोम समिति और विभिन्न आदिवासी संगठनों ने कई मुद्दों पर उठायी आवाज

प्रतिनिधि, खूंटी, कर्रा

केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली के समीप रैंप निर्माण के विरोध और आदिवासी समुदाय से जुड़ी विभिन्न मांगों के समर्थन में बुधवार को आहूत झारखंड बंद का खूंटी और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक असर देखा गया. बंद का नेतृत्व सरना संगोम समिति और विभिन्न आदिवासी संगठनों ने किया. शहर के दुकान-प्रतिष्ठान बुधवार को नहीं खुले. खूंटी में बंद का समर्थन कर रही सरना संगोम समिति के सदस्य शहर में निकलकर बंद को सफल बनाने की अपील कर रहे थे, जो भी दुकान और प्रतिष्ठान खुले थे उनके संचालक से मिलकर सदस्यों ने दुकान को बंद करने की अपील की. इस दौरान बंद समर्थक के नेतृत्वकर्ताओं ने कहा कि आदिवासियों के मुद्दों पर सिर्फ ढोंग और नौटंकी की जा रही है. संविधान बचाने का ढोंग करके अपने किये गए वादों से भाग रही है. बंद समर्थकों ने केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली रांची पर रैंप हटाने की मांग, पेशा कानून 1996 को लागू करने, लैंड बैंक नीति रद्द करने, लैंड पुल नीति को रद्द करने, आदिवासी की जमीन लूट पर टास्क फोर्स बनाकर रोकथाम करने, प्रस्तावित शराब नीति को वापस करने के साथ-साथ शराबबंदी लागू करने सहित अन्य मांग को पूरा करने की मांग की. बंद समर्थकों ने सुबह ही खूंटी-तोरपा पथ में मुंडा कुंजला के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया. इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग गया. वहीं, खूंटी-मुरहू पथ में अनिगड़ा के पास भी सड़क को जाम कर दिया गया. प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों ने जाम खोलने का प्रयास किया लेकिन बंद समर्थक नहीं माने. हालांकि बाद में सड़क से जाम हटा लिया गया. हालांकि शहर की दुकानें देर शाम तक नहीं खुली. शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस दिन भर गश्त लगाती रही.

कर्रा प्रखंड में भी बंद का दिखा असर

सिरम टोली के पास निर्मित फ्लाइओवर रैंप के विरोध में झारखंड बंद का कर्रा, जलटंडा, लोधमा, जम्हार, गोविंदपुर और बिरदा में व्यापक असर रहा. झारखंड बंद के दौरान संयुक्त पड़हा और विभिन्न आदिवासी संगठन के लोग सड़क पर उतरकर बंद का समर्थन किया. खूंटी में बुधवार को लगने वाला जलटंडा बाजार में भी सन्नाटा पसरा रहा. वहीं, बाजार आये छोटे-बड़े व्यापारियों को बिना बाजार किये वापस लौटना पड़ा. पड़हा और आदिवासी संगठन के लोगों ने जलटंडा चौक के पास कर्रा-खूंटी मुख्य सड़क को जाम करने का प्रयास किया गया. कर्रा पुलिस ने लोगों को समझाकर सड़क जाम लगाने से रोक दिया. रांची से कर्रा होते हुए गुमला, लोहरदगा व कर्रा-रांची, कर्रा-खूंटी आने-जाने वाली छोटी-बड़ी गाड़ियों का आवागमन नहीं के बराबर रहा. बंदी के दौरान छोटी-बड़ी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रहे.

प्रमुख मांगें

रांची स्थित सिरम टोली के केंद्रीय सरना स्थल से रैंप निर्माण तत्काल हटाया जाये

पेसा कानून वर्ष 1996 को राज्य में प्रभावी ढंग से लागू किया जाये

लैंड बैंक और लैंड पुल नीतियों को रद्द किया जाये

आदिवासी भूमि की लूट को रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाये

प्रस्तावित शराब नीति को वापस लिया जाये और राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाये

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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