जामताड़ा : वर्ष 2013-14 में पंचायत स्तर पर चापानल मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के उपरांत पेयजल स्वच्छता विभाग ने पंचायत स्तर पर 18 हजार रुपया का स्टूल बॉक्स मुहैया कराया गया. जिले के 118 पंचायतों में 18 हजार रुपया की दर से प्रत्येक पंचायत को स्टूल बॉक्स उपलब्ध कराने के बाद भी मुखियाओं ने चापानल मरम्मति के लिए कोई ध्यान नहीं दिया. जिसके कारण प्रशिक्षण प्राप्त मिस्त्री भी बेकार हो गये. वर्ष 2013-14 में 118 पंचायतां
को चापानल मरम्मति के लिए विभाग ने 54 लाख रुपये दिया. कुछ पंचायतों ने प्रशिक्षित मिस्त्री से कार्य कराकर विभाग को उपयोगिता प्रमाण पत्र दिया, लेकिन अधिकत्तर पंचायतों ने अभी तक पंचायत को मिली राशि की खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया है. वर्ष 2014-15 व 15-16 में पेयजल स्वच्छता विभाग ने पंचायतों को कोई फंड नहीं दिया. विभाग खुद खराब पड़े चापानलों की मरम्मत करायी. पंचायत को मिला 18 हजार का स्टूल बॉक्स भी दो वर्ष से रखा जंग लग रहा है. प्रशिक्षण प्राप्त मिस्त्री को दो वर्ष से कार्य भी नहीं मिला है.