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”कोल” के साथ हो रहा छलावा

जामताड़ा : भारत प्राचीन आदिवासी कोल जाति कल्याण समिति के बेनर तले जामताड़ा गांधी मैदान में सोमवार को 29वां कोल महासम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय अध्यक्ष उमानाथ कोल, केंद्रीय महासचिव अनिल कोल, पशुपति कोल ने भाग लिया. केंद्रीय अध्यक्ष उमानाथ कोल ने महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा […]

जामताड़ा : भारत प्राचीन आदिवासी कोल जाति कल्याण समिति के बेनर तले जामताड़ा गांधी मैदान में सोमवार को 29वां कोल महासम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय अध्यक्ष उमानाथ कोल, केंद्रीय महासचिव अनिल कोल, पशुपति कोल ने भाग लिया. केंद्रीय अध्यक्ष उमानाथ कोल ने महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोल जाति के साथ सरकार छलावा करते आ रही है.

इस जाति को लंबी लड़ाई के पश्चात झारखंड जनजाति के क्रमांक 32 में शामिल कर सामान्य जनजाति का दर्जा 08 जनवरी 2003 को मिला. जबकि कोल जाति को स्वतंत्र भारत के प्रथम जनजाति की सूची में प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी. आजादी के 56 वर्ष तक कोल जाति को जनजाति की सुविधाएं नहीं मिलने के कारण लोग राजनीतिक,

शैक्षणिक, आर्थिक क्षेत्र में पिछड़ने के साथ-साथ सरकारी, अर्द्ध सरकारी रोजगार योजना के क्षेत्र में अन्य जनजाति से काफी पीछे छूटे हुए हैं. कोल जनजाति के एक भी व्यक्ति न तो डॉक्टर, इंजीनियर और न ही अधिकारी के पद पर बहाल हो पाया. जिसके कारण आज यह जाति विलुप्ति के कगार पर है. महासम्मेलन को केंद्रीय महासचिव अनिल कोल, पशुपति कोल ने भी संबोधित किया.

ये भी थे मौजूद
मौके पर नेपाल कोल, राजेश कोल, कुमार मनी, मोहन कोल, जनार्दन कोल, गुलाब कोल, जगदिश कोल, दशरथ कोल, बासुदेव कोल, धनेश्वर कोल, रघु कोल, जीतेन कोल, भोलू कोल, प्रभु कोल, हरि किशोर कोल, भूमि कोल, छोटू कोल, नरेश कोल, समर कोल, जनसंघ कोल सहित सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरूष उपस्थित थे.

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