Jamshedpur news.
रेल यात्रियों के खो गये या गायब मोबाइल फोन को ढूंढ़ निकालने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने दूरसंचार विभाग से हाथ मिलाया है. इसके तहत आरपीएफ ने दूरसंचार विभाग के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीइआइआर) पोर्टल के साथ सफल साझेदारी की है. रेलवे में एक पायलट प्रोग्राम की सफलता के बाद यह पहल की गयी है. भारतीय रेल द्वारा इस पहल को पूरे भारत में लागू किये जाने के बाद करोड़ों रेल यात्रियों को फायदा मिलेगा. इसको दक्षिण पूर्व रेलवे में भी लागू किया जायेगा. अपना गुम मोबाइल फोन प्राप्त करने के लिए यात्री इसकी रिपोर्टिंग रेल मदद या 139 डायल के जरिए कर सकते हैं. यदि यात्री एफआइआर दर्ज नहीं कराना चाहते हैं, तो उन्हें सीइआइआर पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराने का भी विकल्प मिलेगा. सीइआइआर पंजीकरण का विकल्प चुनने पर आरपीएफ की जोनल साइबर सेल शिकायत को सीइआइआर पोर्टल पर दर्ज करेगी और आवश्यक विवरण दर्ज करने के बाद डिवाइस को ब्लॉक करेगी. अगर नयी सिम के साथ खोये हुए फोन का पता चलता है, तो डिवाइस के उपयोगकर्ता को निकटतम आरपीएफ पोस्ट पर लौटाने की सलाह दी जायेगी. इसके बाद मोबाइल का असली उपयोगकर्ता आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करके अपना फोन वापस पा सकता है. अनुपालन न होने की स्थिति में रेलवे सुरक्षा बल एफआइआर दर्ज कर सकता है और मामला जिला पुलिस को भेजा जा सकता है. रिकवरी के बाद, शिकायतकर्ता सीइआइआर पोर्टल के माध्यम से फोन को अनब्लॉक करने का अनुरोध कर सकता है, जिसमें जरूरत पड़ने पर आरपीएफ से सहायता मिलेगी. आरपीएफ ट्रेनों और स्टेशन परिसरों में यात्रियों की खो गयी या गायब हुई संपत्ति को पुनर्प्राप्त करने के प्रयासों में सबसे आगे रहा है. आरपीएफ ने इसके लिए ‘ऑपरेशन अमानत’ चला रखा है, जिसका एकमात्र उद्देश्य कीमती सामानों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है