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झारखंड : गैंगस्टर अखिलेश सिंह ईडी कोर्ट से बरी, 670 करोड़ की जब्त संपत्ति होगी मुक्त

जमशेदपुर के रहने वाले गैंगस्टर अखिलेश सिंह को ईडी कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया. पीएमएलए कोर्ट के स्पेशल जज पीसी एटीएल जस्टिस अरविंद कुमार की अदालत ने फैसला सुनाया. बिरसा नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लाॅन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था.

दुमका जेल में बंद गैंगस्टर अखिलेश सिंह को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कोर्ट से राहत मिल गयी है. कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में अखिलेश सिंह को बरी कर दिया है. साथ ही, जब्त संपत्ति भी मुक्त करने का आदेश दिया है. पीएमएलए कोर्ट के स्पेशल जज पीसी एटीएल जस्टिस अरविंद कुमार की अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया. कोर्ट के फैसले के बाद अखिलेश सिंह की करीब 670 करोड़ रुपये की संपत्ति मुक्त की जायेगी. दरअसल, बिरसानगर सृष्टि गार्डेन के फ्लैट संख्या 503 में पुलिस ने 29 मार्च 2017 को छापामारी की थी, जिसमें अचल संपत्ति की खरीदारी के कई मूल दस्तावेज मिले थे. सभी दस्तावेज अखिलेश की प्रॉपर्टी और बैंक खाताें से जुड़े थे. पुलिस ने अखिलेश की प्रॉपर्टी जब्त करने के लिए इडी को पत्र लिखा. इसके बाद बिरसा नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर इडी ने मनी लाॅन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. इडी मई 2017 से ही जांच में जुटी थी. दो फरवरी 2018 को संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया था.

दस्तावेज किसी और के नाम से, उसमें फोटो अखिलेश का

पुलिस को छापामारी में मिले दस्तावेज मनोज सिंह, संजय सिंह, अजीत सिंह और दिलीप सिंह के नाम से थे, जबकि फोटो अखिलेश सिंह के थे. अखिलेश ने मध्य प्रदेश में संजय सिंह के नाम से प्रॉपर्टी खरीदी, तो दिल्ली में अरविंद शर्मा, हरियाणा में दिलीप सिंह, उत्तराखंड में अजीत सिंह और उत्तर प्रदेश में मनोज कुमार सिंह के नाम से प्रॉपर्टी ले रखी है. उसने पुलिस को झांसा देने के लिए इन नामों से वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और गैस कनेक्शन भी बनवा रखा था. अखिलेश ने अपने ससुर चंदन सिंह के नाम रांची चुटिया के सीरमटोली में ओएके रेजीडेंसी के बी ब्लॉक में दो फ्लैट खरीदे हैं. वह बनारस में ससुर के साथ मिलकर रीयल स्टेट का कारोबार कुबेर कंस्ट्रक्शन के नाम से चलाता था. अखिलेश ने पत्नी गरिमा सिंह का नाम भी नाम बदल कर कई प्रॉपर्टी खरीदी है.

  • पीएमएलए कोर्ट के स्पेशल जज पीसी एटीएल जस्टिस अरविंद कुमार की अदालत ने मंगलवार को सुनाया फैसला

  • बिरसा नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर इडी ने मनी लाॅन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया था केस

  • दो फरवरी 2018 को संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया था

  • देहरादून, बनारस, जयपुर, नोएडा में जमीन, फ्लैट और घर जब्त किये गये थे

इन संपत्ति को ईडी ने किया था फ्रीज

1. कोलकाता के कालिकापुर स्थित आईसीआईसी बैंक में ~12 करोड़

2. नोएडा सेक्टर के एक्सिस बैंक में 22 करोड़ रुपये

3. जबलपुर में 200 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत 70 करोड़ है

4. दिल्ली रोहिणी में बैंक से 34 करोड़ रुपये

5. रानीगंज कोल माइंस में 15 हजार टन का डीओ

6. गुजरात के सूरत में 15 एकड़ जमीन

7. सिंगापुर में एक्सपोर्ट आयरन ओर की जांच

8. नोएडा में फ्लैट

9. गुरुग्राम के फ्लैट से जब्त कागजात

10. गुरुग्राम और जयपुर में बिल्डर के साथ बिल्डिंग बनाने का प्रोजेक्ट

अलग-अलग शहरों में मिले थे जमीन व घर के दस्तावेज समेत 17 पैन कार्ड, तीन आधार और 11 वोटर आईडी

पुलिस ने बिरसानगर सृष्टि गार्डेन के फ्लैट से 17 पैन कार्ड, तीन आधार, 11 वोटर आइडी और सात ड्राइविंग लाइसेंस समेत अलग-अलग शहरों में जमीन और मकान के कागजात भी जब्त किये थे. पुलिस ने मामले में बिरसानगर थाना में तत्कालीन सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी के बयान पर गैंगस्टर अखिलेश सिंह और उसकी पत्नी गरिमा सिंह के खिलाफ जाली कागजात बनाने की प्राथमिकी दर्ज की थी. गैंगस्टर अखिलेश सिंह ने छह राज्यों के कई शहरों में अरबों की प्रॉपर्टी खड़ी की है. फर्जी नाम से झारखंड, बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उसने प्रॉपर्टी खरीद रखी है.

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