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Jamshedpur News : रेलवे के कंट्रोल रूम में वन विभाग के अधिकारी भी बैठेंगे, कोल्हान में हाथियों के मूवमेंट को लेकर हॉट स्पॉट चिह्नित

Jamshedpur News : कोल्हान में हाथियों की जान बचाने और उनके मूवमेंट को लेकर कई अहम फैसले लिये गये हैं. रेलवे और वन विभाग की ओर से इसको लेकर पत्राचार भी हुआ है.

ट्रेन से कटने और ट्रैक पर हाथियों के आने से रोकने के लिए रेलवे के साथ वन विभाग ने बनायी रणनीति

Jamshedpur News :

कोल्हान में हाथियों की जान बचाने और उनके मूवमेंट को लेकर कई अहम फैसले लिये गये हैं. रेलवे और वन विभाग की ओर से इसको लेकर पत्राचार भी हुआ है. तय हुआ है कि रेलवे के कंट्रोल रूम में वन विभाग के अधिकारी भी बैठेंगे. आरसीसीएफ कोल्हान स्मिता पंकज के स्तर पर हुई इस पत्राचार और विभागीय बैठक में कई रणनीति तय की गयी है. कोल्हान में यह तय किया गया है कि पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले के रेलवे ट्रैक पर नजर रखी जायेगी और वैसे संवेदनशील इलाके में स्पीड कम कर ट्रेनों का परिचालन किया जायेगा. इसको लेकर सर्वे भी कराया गया है, ताकि सेंसर के आधार पर हाथियों को ट्रैक किया जाये और उनको रेलवे ट्रैक से दूर रखा जाये. इन एरिया में ओवरपास, अंडर पास के साथ छोटे पुल बनाये जायेंगे, ताकि हाथी रेलवे ट्रैक को पार नहीं कर सके. आसपास के एरिया में बैरिकेडिंग भी की जायेगी. वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया के साथ समन्वय स्थापित कर इसको तैयार किया गया है. इसके तहत चक्रधरपुर सोनुआ के बीच में बैरिकेडिंग कर फ्यूनल शेप में 500 मीटर में दोनों तरफ से घेराबंदी की जायेगी. इस जगह पर हाथी लोटापहाड़ से क्रॉस करते हैं, जो कोल्हान के लोंजो पोराहाट फॉरेस्ट डिवीजन के अंतर्गत आता है. वहीं, महादेवशाल के पास रेलवे ट्रैक की बैरिकेडिंग की जायेगी और महादेवशाल स्टेशन के पास ही एक ओवरपास बनाया जायेगा, ताकि हाथी ट्रैक पर नहीं आये और ऊपर से ही पार कर जाये. वहीं, तीन अंडरपास भी बनाने का प्रस्ताव है. इसके तहत पोलाबुरु अमजहारम जंगल के पास कारो ब्रिज के पास से बैरिकेड कर हाथियों की आवाजाही के लिए अंडरपास बनाया जायेगा. वहीं, एक और अंडरपास उसी एरिया में बनाने को कहा गया है, ताकि हाथियों का मूवमेंट अंडरपास से हो. वहीं, तीसरा अंडरपास बैरिकेडिंग के पास बनेगा, जिसकी ऊंचाई 6.5 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर होगी.

चांडिल, गोइलकेरा, मनोहरपुर एरिया में लगाये जायेंगे एआइ आधारित कैमरे

मुख्य तौर पर चांडिल, गोइलकेरा से मनोहरपुर और फिर जराईकेला तक को सबसे संवेदनशील एरिया माना गया है. इसको लेकर रेलवे और वन विभाग ने संयुक्त सर्वे भी किया है. यहां यह भी तय किया गया है कि चांडिल, गोइलकेरा, मनोहरपुर एरिया में एआइ आधारित कैमरे लगाये जायेंगे, ताकि हाथियों को रोका जा सके. राउरकेला की सफलता के बाद कोल्हान में इसको लगाया जा रहा है. हाल ही में वन विभाग के वनरक्षी और गैंगमैन की भी एक संयुक्त टीम और आपसी समन्वय कमेटी बना दी गयी है, ताकि आपात स्थिति में ये लोग एक-दूसरे को सूचना आदान-प्रदान कर सकें.

नये सिरे से सर्वे कराने की तैयारी

नये सिरे से सभी इलाकों का सर्वे कराने की तैयारी की गयी है. रेलवे ट्रैक के किनारे हाथियों को लेकर साइनेज भी लगाया जायेगा, ताकि ट्रेनों के ड्राइवर उसको देखकर रफ्तार धीमी कर सकें. इस दौरान एरिया में लंबा हॉर्न बजाने की भी हिदायत दी गयी है. वन विभाग ने हमार हाथी 2.0 एप के जरिये भी कई लोगों को जोड़ा है. कई एरिया में मोबाइल एक्टिव नहीं है, वहां वॉकी टॉकी का इस्तेमाल हो रहा है और रेगुलर मीटिंग करने का फैसला लिया गया है. राउरकेला के फॉरेस्ट डिवीजन ने तो अपने एक कर्मचारी को ही चक्रधरपुर रेल मंडल में ड्यूटी पर लगा दी है, जो तत्काल समन्वय स्थापित कर सकेगा. वैसे ही वन विभाग के कोल्हान के एक कर्मचारी को वहां पदस्थापित कर दिया जायेगा, ताकि समन्वय में दिक्कत नहीं हो. बंडामुंडा में पिछले दिनों हाथियों की हुई मौत के बाद राउरकेला फॉरेस्ट डिवीजन ने एमओयू किया था, उसी तरह का एमओयू कोल्हान में भी वन विभाग रेलवे के साथ करेगा.

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