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न क्लास, न किताबें, छात्र कैसे बनेंगे वकील

जमशेदपुर: जमशेदपुर को-अॉपरेटिव लॉ कॉलेज, एक ऐसा कॉलेज जहां एक साथ 6 सेमेस्टर की पढ़ाई होती है, लेकिन कमरे हैं सिर्फ 2. विद्यार्थियों की संख्या है करीब 400. एक साथ सभी सेमेस्टर की पढ़ाई लगभग असंभव है. लाइब्रेरी है, लेकिन किताबें नहीं हैं. फिर भी हर साल विद्यार्थी यहां से डिग्री लेकर निकल रहे हैं. […]

जमशेदपुर: जमशेदपुर को-अॉपरेटिव लॉ कॉलेज, एक ऐसा कॉलेज जहां एक साथ 6 सेमेस्टर की पढ़ाई होती है, लेकिन कमरे हैं सिर्फ 2. विद्यार्थियों की संख्या है करीब 400. एक साथ सभी सेमेस्टर की पढ़ाई लगभग असंभव है. लाइब्रेरी है, लेकिन किताबें नहीं हैं. फिर भी हर साल विद्यार्थी यहां से डिग्री लेकर निकल रहे हैं.

तमाम आधारभूत संरचनाअों के अप टु मार्क नहीं होने की वजह से हर साल बार काउंसिल अॉफ इंडिया की ओर से संबद्धता नहीं मिल पाने का खतरा बना रहता है. इस बार भी यही स्थिति है. कॉलेज के लिए संबद्धता को लेकर जद्दोजेहद शुरू है.

शायद यही वजह है कि कॉलेज के विद्यार्थियों ने कॉलेज को एक स्वतंत्र इकाई के रूप में घोषित करने की मांग को लेकर अब राजभवन मार्च का निर्णय लिया है. मंगलवार को कॉलेज के भावी वकील राजभवन पर धरना देंगे अौर को-अॉपरेटिव लॉ कॉलेज को अपनी जमीन के साथ ही सभी आधारभूत संरचनाएं दुरुस्त करने की मांग करेंगे. जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज छात्र संघ के सचिव महेश कुमार वर्मा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि 2003 से लेकर 2017 तक कॉलेज का किसी प्रकार कोई विकास नहीं हुआ. मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक ने हर बार इसके विकास का वायदा तो जरूर किया, लेकिन उसकी स्थिति जस की तस बनी हुई है.

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