25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अमित को मारने कोलकाता से आये थे शूटर!

जमशेदपुर: सोनारी शिवगंगा अपार्टमेंट में उपेंद्र सिंह के करीबी अमित राय हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को घटना स्थल से ट्रेन की जनरल बोगी का एक टिकट हाथ लगा है. टिकट की छानबीन में पुलिस इस नतीजे तक पहुंची है कि अमित की हत्या में जो शूटर आये, उसमे से कुछ शूटर बंगाल के […]

जमशेदपुर: सोनारी शिवगंगा अपार्टमेंट में उपेंद्र सिंह के करीबी अमित राय हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को घटना स्थल से ट्रेन की जनरल बोगी का एक टिकट हाथ लगा है. टिकट की छानबीन में पुलिस इस नतीजे तक पहुंची है कि अमित की हत्या में जो शूटर आये, उसमे से कुछ शूटर बंगाल के हो सकते हैं. जिस दिन अमित की हत्या हुई, उसी दिन का यह टिकट है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही शूटरों का पता चल जायेगा. पुलिस की टीम अमित की आपसी दुश्मनी के बिंदु पर भी जांच कर रही है.
पुलिस ने अमित के शूटरों तक पहुंचने के लिए हिरासत में लिये गये गम्हरिया के सन्नी सिंह से की गयी पूछताछ में कुछ हाथ नहीं लगा है. साकची के दिग्विजय सिंह को भी पुलिस ने खंगाला, लेकिन रिजल्ट शून्य रहा. पुलिस अमित हत्याकांड की जांच तकनीकी सेल के माध्यम से भी कर रही है. ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है को सन्नी सिंह और दिग्विजय सिंह को पुलिस शुक्रवार को पीआर बाउंड पर छोड़ देगी. फिलहाल दोनों को साकची थाने में रखा गया है. सन्नी से गुरुवार को गोलमुरी थाने में सिटी डीएसपी अनिमेष नैथानी और पुलिस की अन्य टीम ने भी पूछताछ की. पुलिस हिरासत में रखे गये दिग्विजय सिंह के मुताबिक अमित से उनके साथ धोखाधड़ी की थी. वह रंगदारी मांगता था. विरोध करने पर अमित ने दो माह पूर्व घर से अगवा कर भारद्वाज होटल के पास ले जाकर मारपीट की थी. इसका उन्होंने साकची थाने में मामला भी दर्ज कराया है.
करीबी की तलाश में जुटी पुलिस. अमित हत्याकांड में पुलिस अब तक अखिलेश सिंह और उसके साथियों पर संदेह के बिंदु पर जांच कर रही है. वहीं दूसरी टीम अमित द्वारा शहर में कुछ लोगों को भयादोहन करने को लेकर भी जांच कर रही है. पुलिस को संदेह है कि किसी करीबी की मिलीभगत से घटना को अंजाम दिया गया है.
हत्याकांड से कुछ लेना देना नहीं है : सन्नी
साकची थाना में सन्नी सिंह ने बताया कि अमित को नहीं पहचानता हैंं. जिस दिन हत्या हुई, उस दिन वह बोकारो कोर्ट में डकैती के पुराने मामले में उपिस्थिति दर्ज करने गया था. वहां से रात साढ़े आठ बजे वह कांड्रा होते हुए गम्हरिया अपने घर लौटा. 2011 में गम्हरिया में राजू मंडल हत्याकांड में वह जेल गया था. इसके बाद 2012 में उसे घाघीडीह जेल में शिफ्ट किया गया था. जेल में उसकी पहचान हरीश और सुधीर दुबे से हुई थी. जेल में दोनों उसकी एक्टिविटी पसंद नहीं करते थे, जिसको लेकर दोनों में ठनी रहती थी. वर्तमान में वह अपना कारोबार देख रहा है. उसका हत्याकांड से कोई लेना देना नहीं है. पुलिस सभी स्तर से जांच कर सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें