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प्राइवेट वैन व ऑटो नहीं मानते नियम

जमशेदपुर: स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाले प्राइवेट वैन और ऑटो चालक शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. नियमों के उल्लंघन के कारण आये दिन कई घटनाएं होती रहती हैं. लेकिन इससे सबक लेकर नियमों को सख्ती से लागू करने की दिशा में ठोस पहल नहीं की जा रही है. शहर […]

जमशेदपुर: स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाले प्राइवेट वैन और ऑटो चालक शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. नियमों के उल्लंघन के कारण आये दिन कई घटनाएं होती रहती हैं. लेकिन इससे सबक लेकर नियमों को सख्ती से लागू करने की दिशा में ठोस पहल नहीं की जा रही है. शहर के स्कूली बच्चे आज भी असुरक्षित माहौल में स्कूल आना-जाना कर रहे हैं.
वाहन पर दर्ज नहीं हैं स्कूल का नाम व नंबर. शहर में की गयी जांच में बच्चों को स्कूल ले जाने वाले 70 से 80 फीसदी वाहनों में ‘स्कूल वाहन’ लिखा नहीं पाया गया. ऑटो, मारुति, टाटा मैजिक व मारुति वैन सामान्य वाहन की तरह सड़कों पर बच्चों को ले जा रहे थे. यही नहीं स्कूल से संचालित बसों में तो स्कूल का नाम व टेलीफोन नंबर अंकित मिला. लेकिन कोई भी प्राइवेट वैन व ऑटो संचालक इस नियम का पालन नहीं करते. इसे लेकर प्रशासन भी कड़ाई भी नहीं बरतता. ऐसे निजी वाहनों के सामने ‘स्कूल ड्यूटी’ का संकेत भी नहीं लगा मिला, जबकि बस में इसका बोर्ड लगा होता है.
क्षमता से अधिक बच्चे, मेडिकल किट नहीं. वाहन में बच्चों की क्षमता निर्धारित की गयी है. लेकिन 90 फीसदी टाटा मैजिक, मारुति वैन व ऑटो चालक इसका पालन नहीं करते. वाहनों में ठूंस-ठूंस कर बच्चों को बैठाया जाता है. इसके अलावा नियम के तहत वाहन में फर्स्ट एड की व्यवस्था होनी चाहिए. लेकिन अधिकांश ऑटो रिक्शा व प्राइवेट वैन के चालक जानते ही नहीं कि प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स क्या होता है.
पानी टंकी व अग्निशमन यंत्र नदारद. किसी भी यात्री वाहन में अग्निशमन यंत्र व पानी की टंकी होना अनिवार्य है. लेकिन शहर में चल रहे स्कूली वाहनों में न तो पानी की टंकी है न ही अग्निशमन यंत्र. आग लगने की स्थिति में आग पर काबू पाये जाने के कोई इंतजाम नहीं है. कुछ बसों में जरूर इसकी व्यवस्था है.
स्कूली वाहन पीले रंग का हो, अटेंडेंट भी रहे
बच्चों के स्कूल वाहन पीले रंग का होना चाहिए, लेकिन स्कूल सेवा में लगे जिले के अधिकतर टाटा मैजिक और मारुति वैन सफेद रंग के हैं. यही नहीं बच्चों को स्कूल ले जाने वाले वाहन में अटेंडेंट की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन सामान्य तौर पर बस के अलावा ऑटो व प्राइवेट वैन में ड्राइवर के अलावा कोई व्यक्ति नजर नहीं आता.

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