जमशेदपुर: सोमवार को कॉलेज का गेट दिन भर बंद रहा. प्रिंसिपल चेंबर से लेकर सभी क्लास रूम में ताला लटका रहा. कैंपस में पुलिस के जवान गश्ती करते रहे. शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी नदारद दिखे. कॉलेज परिसर में अघोषित तौर पर निषेधाज्ञा लगा दी गयी थी. इसका बुरा असर पठन-पाठन पर पड़ा.
डीसी से मिले छात्र नेता, निरुत्तर होकर लौटे:को-ऑपरेटिव कॉलेज के रास्ते पर दीवार खड़ी करने के विरोध में सोमवार को सर्वदलीय कॉलेज बचाओ मोरचा ने सुबह 9 बजे छात्र नेताओं को बुलाया गया था. करीब 11 बजे जब छात्र नेता पहुंचे और कॉलेज गेट पर नारेबाजी की. पुलिस बल की मौजूदगी देख वहां से उपायुक्त कार्यालय पहुंचे. डीसी डॉ अमिताभ कौशल से बात की. उपायुक्त ने छात्र नेताओं को बताया कि एक्सएलआरआइ प्रबंधन ने जो नक्शा सौंपा है उसके अनुसार वह जगह एक्सएलआरआइ की है. अगर को ऑपरेटिव कॉलेज प्रबंधन के पास जमीन से संबंधित कागजात है तो प्रस्तुत करे, दीवार पर रोक लगा दी जायेगी. लेकिन छात्र नेताओं के पास जमीन से संबंधित किसी तरह का कोई नक्शा या कागजात नहीं था. इसके बाद सभी छात्र वहां से कॉलेज लौट गये. छात्र नेताओं में रजनीश सिंह, पवन सिंह, सुपौल झा, राकेश, सोनू ठाकुर, क्षितिज किरण, राजीव दूबे, बंटी उपाध्याय,सरफराज, दिनेश साहू आदि शामिल थे.
पहुंचे 1982 के छात्र नेता : रास्ते को लेकर को-ऑपरेटिव कॉलेज में चल रहे आंदोलन को समर्थन देने कॉलेज में 1982 में छात्र राजनीति करने वाले संतोष अग्रवाल कॉलेज पहुंचे. उन्होंने छात्र नेताओं से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया. उन्होंने कॉलेज कैंपस में पुलिस बलों को तैनात किये जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.
मैं फिलहाल छुट्टी पर हूं. कॉलेज को बंद नहीं किया गया है. छात्रों का नाराज होना जायज है. कॉलेज में किसी तरह की परीक्षा संबंधी जानकारी मुङो नहीं है. अगर परीक्षा होती तो फिर उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था जरूर की जाती. कॉलेज बंद होने से विद्यार्थियों को परेशानी तो जरूर हुई होगी.
डॉ आरके दास, प्रिंसिपल, जमशेदपुर को ऑपरेटिव कॉलेज