कपड़ों की सिलाई में बढ़िया कमाई रेडीमेड कपड़ों का कारोबार काफी फल-फूल रहा है. आज अधिकतर लोग रेडीमेड कपड़ा ही पहनना पसंद करते हैं. एक तो यह सिला-सिलाया मिल जाता है. दूसरा, कपड़ा खरीद कर सिलवाने से सस्ता भी पड़ता है. बड़ी गारमेंट कंपनियां स्टीचिंग के लिए इस कारोबार से जुड़े लोगों से संपर्क करती हैं. कंपनियाें को मापदंड के अनुरूप सिलाई चाहिए बस. दूसरी तरफ स्कूल यूनिफाॅर्म में भी स्टीचिंग का कारोबार बढ़ रहा है. ऐसे में यह स्वावलंबन का बढ़िया जरिया हो सकता है. पेश है लाइफ @ जमशेदपुर की यह रिपोर्ट…पूंजी के हिसाब से शुरू करें कारोबारस्टीचिंग का काम छोटे स्तर पर 30-40 हजार रुपये से शुरू किया जा सकता है. इसके साथ ही चार-पांच तरह की मशीन और पांच-सात कारीगरों की भी जरूरत होगी. अधिक पूंजी रहने पर इसे बड़े पैमाने पर शुरू किया जा सकता है. व्यवसायी अरुण बताते हैं यह काम कम पैसे से भी शुरू किया जा सकता है. आप साधारण मशीन से भी इसे शुरू कर सकते हैं. आज हर शहर में अच्छे स्कूल हैं. ऐसे में स्कूल यूनिफॉर्म स्टीचिंग अच्छा व्यवसाय हो सकता है. वह बताते हैं कि अगर अधिक पूंजी हो, तो शुरुआत में डेढ़ से दो लाख रुपये लग जायेंगे. बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए मशीन भी अच्छी लगानी पड़ेगी.इन मशीनों की पड़ती है जरूरतस्टीचिंग में अब छोटी मशीनों से काम करने का चलन कम होता जा रहा है. बड़े स्तर पर काम करने के लिए बिजली से चलने वाली अाधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरण के लिए पेस्टिंग मशीन काॅलर, कलाई आदि कफलिंग पेस्ट के काम आती है. फीड ऑफ द आर्म्स मशीन से आधुनिक तरीके से इंटरलॉक होता है. बटन होल मशीन शर्ट और पैंट में बटन के लिए काज करने के काम आती है. काज की सिलाई के लिए भी मशीन होती है. कटिंग मशीन से एक साथ कई कपड़ों की कटाई हो सकती है. इससे दो इंच ऊंचाई तक के कपड़े को आराम से काटा जा सकता है. यह आयरननुमा मशीन होती है. इसे आयरन के समान ही कपड़े पर कटिंग के लिए बने निशान पर चलाना होता है. यह मशीन बिजली से चलती है. वहीं, ऑटोमेटिक चेन फीटिंग मशीन से चेन लगाने में देर नहीं लगती.काम के लिए कंपनियों से करना पड़ता है संपर्कइस उद्योग को विकसित करने के लिए आपको गारमेंट कंपनी, स्कूल, हॉस्पिटल या जहां कई यूनिफॉर्म इस्तेमाल में लाये जाते हैं, वहां से संपर्क करना होता है. हर जगह नमूना दिखाना पड़ता है. अगर आप किसी बड़ी गारमेंट कंपनी का रेडीमेड कपड़ा तैयार करना चाहते हैं, तो आपके पास कम से कम 10 लोगों की टीम होनी चाहिए. कंपनी नमूना और खर्च देखकर काम देती है.आउटसोर्स से काम लेती हैं कंपनियांआज प्राय: हर कंपनी आउटसोर्स से काम लेती है. इसे इस तरह से समझा जा सकता है. अगर कोई गारमेंट कंपनी मुंबई की है, तो उसे मुंबई में माल तैयार कर देशभर में सप्लाई करना महंगा पड़ेगा. ऐसे में कंपनी बड़े-बड़े शहरों में आउटसोर्स के जरिये काम लेती है. इससे कंपनी को कम खर्च बैठता है और लोगों को भी रोजगार मिल जाता है.काम ज्यादा होने पर कारोबारी भी करते हैं आउटसोर्सस्टीचिंग कारोबार से जुड़े गोलमुरी के बसंत तिर्की बताते हैं कि वह एक बड़ी कंपनी का माल तैयार करते हैं. इसके अलावा उनके पास टाटा कंपनी के भी ऑर्डर आते हैं. वह बताते हैं कि अधिक काम आने पर वह अन्य आउटसोर्स से काम करवाते हैं.कंपनी की तरफ से मिलता है थानबसंत तिर्की थान में ही कपड़ा खरीदते हैं. उनके मुताबिक किसी कंपनी के लिए काम करने पर कंपनी की तरफ से ही कपड़ा मिल जाता है. इसके बाद सिर्फ माल तैयार करना ही रहता है. ऐसे में कपड़े को लेकर माथा-पच्ची करने की जरूरत नहीं पड़ती. कितना माल होता है तैयारएक टेलर एक दिन में 10-12 कपड़े तैयार कर लेता है. इस तरह अगर 10 लोगों की टीम है, तो एक दिन में 100 कपड़े (शर्ट या पैंट) आराम से तैयार हो जाते हैं. डिलीवरी टाइम को देखकर माल तैयार करना होता है. जल्दी डिलीवरी के लिए कई बार कारीगर की संख्या बढ़ानी पड़ती है. अन्य आउटसोर्स की मदद लेनी पड़ती है.कितना होता है खर्च-लाभबसंत तिर्की बताते हैं कि टेलर को एक शर्ट तैयार करने पर 40-50 रुपये और एक पैंट तैयार करने पर 70-80 रुपये मजदूरी देनी होती है. कटिंग वाले को 10-12 हजार रुपये महीना देना होता है. बटन, सूता, कफलिंग आदि में शर्ट पर 15 रुपये और पैंट पर 30 रुपये तक खर्च आता है. रूम रेंट, ट्रांसपोर्ट, बिजली आदि का खर्च अलग है. वह बताते हैं कि हर खर्च काटने के बाद 10-12 प्रतिशत तक आराम से लाभ हो जाता है.कहीं रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहींइस कारोबार के लिए कहीं रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं पड़ती. यह तो सेल्फ इंप्लॉयमेंट है. इतना है कि इसके लिए आपको 10-12 अच्छे टेलर के संपर्क में रहना होगा, ताकि काम बढ़ने पर आप तुरंत ऐसे कारीगर से संपर्क कर सकें. कुछ कारीगर आपके परमानेंट होते हैं. कुछ अस्थायी तौर पर काम करते हैं. उन्हें जहां काम मिलता है, वह चले जाते हैं. ऐसे कारीगर से संपर्क बनाये रखना जरूरी है.कोट————-स्टीचिंग स्वावलंबन का बढ़िया जरिया बन सकता है. कई गारमेंट कंपनियां आउटसोर्स से माल तैयार करवाती हैं. कंपनी से अप्रोच करने पर काम मिल जाता है.-बसंत तिर्कीइस व्यवसाय को आप छोटे स्तर पर भी शुरू कर सकते हैं. पूंजी हो तो बड़े स्तर पर शुरू करना अच्छा रहता है. एक बार चल जाने के बाद आपको काम की दिक्कत नहीं होगी. आप कई लोगों को रोजगार दे सकते हैं.-अरुण
BREAKING NEWS
Advertisement
कपड़ों की सिलाई में बढ़िया कमाई
कपड़ों की सिलाई में बढ़िया कमाई रेडीमेड कपड़ों का कारोबार काफी फल-फूल रहा है. आज अधिकतर लोग रेडीमेड कपड़ा ही पहनना पसंद करते हैं. एक तो यह सिला-सिलाया मिल जाता है. दूसरा, कपड़ा खरीद कर सिलवाने से सस्ता भी पड़ता है. बड़ी गारमेंट कंपनियां स्टीचिंग के लिए इस कारोबार से जुड़े लोगों से संपर्क करती […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement