शनिवार को उन्हें सुपुर्द ए खाक किया जायेगा. वे करीम सिटी कॉलेज के चंद गिने चुने फाउंडर शिक्षकों में से एक थे. डॉ इकबाल अंसारी को शिकार का काफी शौक था. वे लाइसेंसी बंदूक लेकर शिकार पर जाया करते थे. उन्होंने करीब 36 साल करीम सिटी में अपनी सेवा प्रदान की.
2002 में वे सेवानिवृत्त हुए. पुत्र शाहिद इकबाल अंसारी ने बताया कि डॉ इकबाल अंसारी पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. उन्हें आठ जुलाई को टीएमएच की सीसीयू में भरती कराया गया था. पिता की तबीयत खराब होने के कारण बड़े भाई मंत्री डॉ जावेद इकबाल अपने सारे कार्यक्रम स्थगित कर पिछले एक सप्ताह से जमशेदपुर प्रवास पर ही थे. उनके पैतृक आवास आजादनगर न्यू कॉलोनी रोड नंबर तीन से करीब चार बजे पार्थिव शरीर लेकर सभी सड़क मार्ग से बांका के लिए रवाना हुए. घटना की जानकारी मिलने पर अब्दुल रब अंजुम, करीम सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मोहम्मद जकरिया, कई प्रोफेसर, एसएन गुलजार, सनाउल्लाह अंसारी, बाबर खान के अलावा मुंशी मोहल्ला और आजादनगर के काफी लोग उनके आवास पर पहुंचे और अफसोस जताया.